अनुभूति भाव पर कविता
अनुभूति भाव पर कविता दृश्य देख अनुभूति से , आया अब विश्वास ।अपने उन्नति के लिए , लोग करे ठग रास ।। जिसका अनुभव है तुझे , करो वही तुम कृत्य ।तुझमें प्रतिभा है भरी , … Read more
अनुभूति भाव पर कविता दृश्य देख अनुभूति से , आया अब विश्वास ।अपने उन्नति के लिए , लोग करे ठग रास ।। जिसका अनुभव है तुझे , करो वही तुम कृत्य ।तुझमें प्रतिभा है भरी , … Read more
भाषा बड़ी है प्यारी भाषा बड़ी है प्यारी, जग में अनोखी हिन्दी,चन्दा के जैसे सोहे, नभ में निराली हिन्दी। इसके लहू में संस्कृत, थाती बड़ी है पावन,ये सूर, तुलसी, मीरा, की है बसाई हिन्दी। पहचान हमको देती, सबसे अलग ये जग में,मीठी जगत में सबसे, रस की पिटारी हिन्दी। हर श्वास में ये बसती, हर … Read more
अरे लकीर के फकीरों अपने-अपने मुहावरों परवे और तुमजिते आ रहे हो सदियों सेमुहावरा कभी बदला ही नहींन उनका न तुम्हारा शासक हैं वेबागडोर है उनके हाथों मेंवे अपने मुहावरों पररहते हैं सदा कायम तुम्हारे लिएवे जो भी कहते हैंकभी नहीं बदलतेचाहे जो हश्र हो तुम्हारावे अपने मुहावरों के पक्के हैं एक बार कह देने … Read more
मेरी रचना मेरे जीवन में मुझे शिक्षा देने वाले सभी गुरजनों को समर्पित।💐💐
डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। “शिक्षक दिवस मनाने का यही उद्देश्य है कि कृतज्ञ राष्ट्र अपने शिक्षक राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के प्रति अपनी असीम श्रद्धा … Read more