हिन्दी कुंडलियां : सरगम विषय

हिन्दी कुंडलियां : सरगम विषय सरगम है जानो सदा, सप्तसुरों का साज।पाकर स्वर संगीत को , मिले नयी परवाज ।मिले नयी परवाज, साधना सप्त सुरों में।करें शारदा वास, हमारे ही अधरों में ।कहे पर्वणी दीन, बने स्वर नाद विहंगम ।अद्भुत संगम गीत, सजे मधुरिम है सरगम।। सरगम के जब सुर छिड़े, जीवन मधुबन मान।अंतः उर … Read more

धरती तुझे प्रणाम

धरती तुझे प्रणाम माथ नवाकर नित करूँ , धरती तुझे प्रणाम ।जीव जंतु का भूमि ही , होता पावन धाम ।। खेले कूदे गोद में , सबकी माँ हो आप ।दुष्ट मनुज को भी सदा , देती ममता थाप ।। धरती माँ जैसी नहीं , कोई पालन हार ।सबका सहती भार ये , महिमा अपरंपार … Read more

दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच

दीवारे खिंचने लगी भाई भाई बीच दीवारे खिंचने लगी,भाई भाई बीच।रहा प्रेम अब है कहाॅ,काम करे सब नीच।। खींचो मत दीवार अब,रहने दो कुछ प्यार।सभी यही रह जायगा,खुशियाँ मिले अपार।। भित्ति गिरा दो घृणा की,बांट सभी को प्यार ।दो दिन की है जिन्दगी,हिल मिल रहना यार।। प्रभु ने भेजा जगत में,सुन्दर करने काम।चुने सखा दीवार … Read more

हम भारत के वासी

हम भारत के वासी जन्म लिए जिस पुण्य धरा पर,इस जग में जो न्यारा है।हम भारत के वासी हम तो,कण -कण इसका प्यारा है। देश वासियों चलो देश का,हमको मान बढ़ाना हैं।दया-धरम सदभाव प्रेम से,सबको गले लगाना हैं।द्वेष-कपट को त्याग हृदय से,सुरभित सुख के हेम रहे।हिन्दू मुस्लिम,सिख-ईसाई,सब में अनुपम प्रेम रहे।मुनियों के पावन विधान ने,जग … Read more

सावन पर दोहे

सावन पर दोहे ★★★★★★★★सावन में पड़ने लगी,रिमझिम सरस फुहार।हरित चुनर ओढ़ी धरा,सुरभित है संसार।। कोयल कूके बाग में , दादुर करते शोर।सौंधी माटी की महक,फैल रही चहुँ ओर।। कल कल कर बहने लगी,धरती में जल धार।पावस का वरदान पा,आलोकित संसार।। तरु लता सब झूमकर , देते है संदेश।प्रेम रहे सब जीव में,छोड़ो कपट कलेश।। पावस … Read more