प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते
प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते- डॉ सुशील शर्मा सखि बसंत में तो आ जाते।विरह जनित मन को समझाते। दूर देश में पिया विराजे, प्रीत मलय क्यों मन में साजे, आर्द्र नयन टक टक पथ देखें काश दरस उनका पा जाते। सखि बसंत में तो आ जाते। सुरभि मलय मधु ओस … Read more