प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते

प्रणय मिलन कविता-सखि वसंत में तो आ जाते- डॉ सुशील शर्मा सखि बसंत में तो आ जाते।विरह जनित मन को समझाते।         दूर देश में पिया विराजे,       प्रीत मलय क्यों मन में साजे,       आर्द्र नयन टक टक पथ देखें       काश दरस उनका पा जाते।       सखि बसंत में तो आ जाते।   सुरभि मलय मधु ओस … Read more

ज्ञान दो वरदान दो माँ

ज्ञान दो वरदान दो माँ सत्य का संधान दो।बिंदु से भी छुद्रतम मैंकृपा का अवदान दो। अवगुणों को मैं समेटेमाँ पतित पातक हूँ मैं।मोह माया से घिरा हूँ,निपट पशु जातक हूँ मैं।अज्ञानता मन में बसाये ।अहम,झूठी शान हूँ मैं।लाख मुझ में विषमताएं।गुणी तुम अज्ञान हूँ मैं। है तिमिर सब ओर माता,ज्योति का आधान दो माँ।ज्ञान … Read more

शारदा-वंदन :मात नमन हम करें सदा ही

शारदा-वंदन :मात नमन हम करें सदा ही मात नमन हम करें सदा ही,हमें बौद्धिक दान दो।पढ़ लिख सीखें तमस मिटाएँ,ज्ञान का वरदान दो।अज्ञानता को दूर कर माँ,ज्ञान का पथ भान दो।पित,मात,गुरु सेवा करूँ माँ ,भाव संगत मान दो। मात शारदे वंदन गाता,चरण कमल पखारता।तरनी तार मोरि तो माता,दूर कर अज्ञानता।नवल प्रकाश ज्ञान का भर दे,पथ … Read more

महा देश का ग्रंथ महाभारत

महा देश का ग्रंथ महाभारत अवसर मिलता सर्वदा,पर मन का अभिमान।आलस और प्रमाद सेनही सकें पहचान।।तब गुरुवर, गणनाथ मिलि,पथ की दें पहचान।जो जाने वे कर लिए ,निज हित करके ध्यान।।हर मानव का ध्येय हो,पूजा तीन प्रकार।पित्र, गुरू और देव का ,पूजन से सत्कार।।जीवन के इस युद्ध मे,प्रबल बुद्धि जब होय।तब डगमग श्रद्धा रहे,दुख भोगे हर … Read more