आहट पर कविता – विनोद सिल्ला

आहट पर कविता सिंहासन खतरे मेंहो ना होसिंह डरता है हर आहट से आहट भीप्रतीत होती है जलजलाप्रतीत होती है उसे खतरावह लगा देता हैऐड़ी-चोटी का जोरकरता है हर संभव प्रयासआहटों को रोकने का अंदर से डरा हुआताकतवर हो कर भीडरता है बाहर कीहर आहट से मान लेता है शत्रुतमाम अहिंसक व शाकाहारी निरिह जानवरों … Read more

अश्रु नीर नयन के – हेमलता भारद्वाज डॉली

अश्रु नीर नयन के अश्रु नयन के सूख गए अब ,छोड़ दिया है हमने क्योंकि ,सोचना ज्यादा अब l*बचपन में रोए बहुत ,रो-रो कर भरे नयन ।दूर की सोच बनाते थे जब,देता नहीं था साथ कोई तब,हर तरफ से डांट डपट, भरता रहता गुबार सब l *भरते -भरते मन के अंदर, हुआ समंदर “डाली “अश्रु … Read more

गुरू पूर्णिमा पर कविता -तोषण चुरेन्द्र दिनकर

गुरू पूर्णिमा पर कविता नित्य करें हम साधना,रखें हृदय के पास।ज्ञान रुपी आशीष से,जीवन हो मधुमास।।१।। गुरुवर की पूजा करें,गुरु ही देते ज्ञान।जिनके ही आशीष से,मिले अचल सम्मान।।२।। गुरू नाम ही साधना,साधक बनकर साध।जिनके सुमिरण से सदा,कटे कोटि अपराध।।३।। बनकर रहते सारथी,गढ़ते नित नव राह।जो भी मन की बात हो,पूरी करते चाह।।४।। गुरु महिमा नित … Read more

गुरु वंदना – डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

गुरु वंदना नित्य करूँ मैं वंदना, गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह , होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं, करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर, करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से , हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना, मात-पिता के नाम।। धरती माँ की वंदना, यह ही जग में सार।सबको सम ही … Read more

गुरुवर – सुकमोती चौहान रुचि

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more