तरक्की की सीढ़ियां – गुलाबचंद जैसल

गुलाबचंद जैसल द्वारा रचित तरक्की की सीढ़ियां सभी भारतीयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कविता है । आज वह समय आ गया है कि हम तरक्की के असली मायने को समझें। तरक्की की सीढ़ियां चलो निकालें नदियों से रवाब* कोकि-जल जीवों को जीवन मिलेगाऔर –हमें स्वच्छ पानीनदियाँ भी बहती रहेंगीं।चलो निकालें घरों से पॉलिथीनकि-गाएँ मारने … Read more

पंचायत पर कविता -रामनाथ साहू ” ननकी

भारत की पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था। … Read more

गौतम बुद्ध पर रचना ( विश्व करुणा दिवस विशेष)

गौतम बुद्ध एक श्रमण थे जिनकी शिक्षाओं पर बौद्ध धर्म का प्रचलन हुआ। इनका जन्म लुंबिनी में हुआ था। 29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए। वर्षों … Read more

बुद्ध जयंती पर कविता

बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह बैसाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है जिसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। इसी दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ था। बुद्ध जयंती पर कविता सिद्धार्थ!ऐसा क्यों ?फिर चले … Read more