कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

जब होगा महक मिलन

जब होगा महक मिलन मिला किताब में सूखा गलाब,देख फिर  ताजगी सी आई। याद आ गया वो सारा मंजरफिर खुद से खुद ही शरमाई। वो हसीन पल थे खुशियों भरासाज बजा ज्यो रागिनी आई। धड़कने दिल  की हुई बेकाबूगात ने…

आना कभी गाँव में – बलवंत सिंह हाड़ा

village based Poem

ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। प्रायः गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं। गाँवों में घर प्रायः बहुत पास-पास व…

गरीबी पर कविता

नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता कभी नीचे नहीं देखा,मिले जब सीख दुनियाँ में लगे ठोकर कभी अब…

विदाई गीत /कविता

तुम रुक न सको सौजन्य-अरुणा श्रीमाली तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ.. तुम रुक न सको तो जाओ, तुम जाओ… पढ़-लिख कर विश्राम न करना कर्म-क्षेत्र में आगे बढ़ना । यही कामना आज हमारी, तुम्हें इसे है पूरी…

स्वागत समारोह गीत /कविता

[1] उल्लास भरे दिल से ० सौजन्य-प्रतिभा गोयल उल्लास भरे दिल से हम स्वागत करते हैं आंगन में बहार आई, औ’फूल बरसते हैं। उल्लास भरे दिल से….. ल पलकों से है प्रियवर, यह पंथ हमारा है। अरमान भरे दिल में,…