तेरी यादों का सामान – सुशी सक्सेनास

तेरी यादों का सामान तेरी यादों का सामान अभी भी पड़ा है मेरे पासजो दिलाता है तेरे करीब होने का अहसास।कुछ मुस्कुराहटें जो दिल में घर कर गई, और कुछ चाहतें जो मुझे पागल कर गई। तुझसे जुड़े हुए कुछ हंसी लम्हें प्यार भरेकुछ लफ्ज़ तेरे होठों से निकले इकरार भरेकुछ बातें जो अपनेपन का … Read more

गुरु पूर्णिमा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ

doha sangrah

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more

सावन का चल रहा महीना – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

सावन का चल रहा महीना सपने अब साकार हो रहे, जो थे कब से मन में पालेसावन का चल रहा महीना, देखो सबने झूले डाले।पत्थर पर जब घिसा हिना को, फिर हाथों पर उसे लगायानिखरी सुंदरता इससे तब, रंग यहाँ जीवन में छायाहरियाली तीजों पर मेला, किसके मन को यहाँ न भायाआयोजन हर साल हो … Read more

आहट पर कविता – विनोद सिल्ला

आहट पर कविता सिंहासन खतरे मेंहो ना होसिंह डरता है हर आहट से आहट भीप्रतीत होती है जलजलाप्रतीत होती है उसे खतरावह लगा देता हैऐड़ी-चोटी का जोरकरता है हर संभव प्रयासआहटों को रोकने का अंदर से डरा हुआताकतवर हो कर भीडरता है बाहर कीहर आहट से मान लेता है शत्रुतमाम अहिंसक व शाकाहारी निरिह जानवरों … Read more

अश्रु नीर नयन के – हेमलता भारद्वाज डॉली

अश्रु नीर नयन के अश्रु नयन के सूख गए अब ,छोड़ दिया है हमने क्योंकि ,सोचना ज्यादा अब l*बचपन में रोए बहुत ,रो-रो कर भरे नयन ।दूर की सोच बनाते थे जब,देता नहीं था साथ कोई तब,हर तरफ से डांट डपट, भरता रहता गुबार सब l *भरते -भरते मन के अंदर, हुआ समंदर “डाली “अश्रु … Read more