"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।
स्वरोजगार तुमको ढूंढना हैं ऐसी रोजगार नही चाहिए,जिसमें राजनीति की बू आती है।घूसखोर जिसमें पैसा लेते हैं,और डिग्रीयां देखी नहीं जाती हैं। पैसों की शान शौकत से वह, रोजगार तो हासिल…
पिता होने की जिम्मेदारी दो बच्चों का पिता हूँ मेरे बच्चे अक्सर रात मेंओढ़ाए हुए चादर फेंक देते हैओढ़ाता हूँ फिर-फिरवे फिर-फिर फेंकते जाते हैं उन्हें ओढ़ाए बिना… मानता ही…
इंतज़ार आँखे में इंतज़ार करती है आँखेहर उस शक्श की, जिसकी जेब भरी हो,किस्मत मरी हो, लूट सके जिसे,छल सके जिसे, इंतज़ार करती है आँखे। इंतज़ार करती है आँखेहर उस बीमार की, जो…
सांध्य है निश्चल रवि को छिपता देख, शाम ने ली अँगड़ाई।रक्ताम्बर को धार, गगन में सजधज आई।।नृत्य करे उन्मुक्त, तपन को देत विदाई।गा कर स्वागत गीत, करे रजनी अगुवाई।। सांध्य-जलद…
है झुकी डाल फल फूल फली,मुस्कानें लख-लख लहरातीं | था एक बीज जो वृक्ष बना, बरसातें उसको नहलातीं|| माटी पाकर आया बचपन,सेवा का संरक्षण पाया| लकड़ी पत्ती फल फूल कली, है सेवा…
*निषादराज के दोहे (1) संसारकितना प्यारा देख लो,ये अपना संसार।स्वर्ग बराबर हैं लगे,गाँव-शहर वनद्वार।। (2) समयसमय बड़ा अनमोल है,कीमत समझो यार।समय बीत जब जायगा,फँसो नहीं मझधार।। (3) गतिअपनी गति में…
मेरे गांव का बरगद मेरे गाँव का बरगदआज भी वैसे ही खड़ा हैजैसे बचपन में देखा करता थाजब से मैंने होश संभाला हैअविचलवैसे ही पाया है हम बचपन में उनकी लटों से झूला…