अंतरात्मा पर कविता
अंतरात्मा पर कविता मेरा संबंध तुमसेअंतरात्मा का है।हाँ बाहृा जगत मेंहम पृथक ही सही,न दिखे ये रिश्ताजग में कहींमन का जुड़ावमन से तो है ।मेरा संबंध तुमनेअंतरात्मा का है।भू से अंबर तकहर जगह तुममेरी नजरों में हो।मेरी हर धडकन में…
अंतरात्मा पर कविता मेरा संबंध तुमसेअंतरात्मा का है।हाँ बाहृा जगत मेंहम पृथक ही सही,न दिखे ये रिश्ताजग में कहींमन का जुड़ावमन से तो है ।मेरा संबंध तुमनेअंतरात्मा का है।भू से अंबर तकहर जगह तुममेरी नजरों में हो।मेरी हर धडकन में…
सरस्वती वन्दना विनती करता हूँ शारदे माता,विद्या का हमको वरदान दे दे।हम झुके तेरे चरणों में निशदिन,तेरा आसरा हम सबको दे दे।विनती———हर वाणी में सरगम है तेरा ,तू हमें स्वर का राग सिखा दे।हर गीत बन जाए धड़कन,नृत्य पे सुर…
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मेरी तीन माताएँ नौ…
ओ तरु तात सुन ले ओ!तरु तात!सुन लेमेरी वयस और तेरी वयस का अंतर चिह्न लेमैं नव अंकुर,भू से तकतातेरे साये में पलतातू समूल धरा के गर्भ में जम चुका। माना ,तेरी शाखा छूती जलद कोमधुर स्पर्श से पय-नीर पान…
चाहत को तुम पलकों में छुपाया न करो सुनो न सुनो न ऐसे तड़पाया न करोपास बुला के दूर को हटाया न करोआख़िर इतना क्यों इतराते रहते होकितनी बार कहा है भाव खाया न करो गैरों से हंस हंस के…