धनतेरस -रामनाथ साहू ” ननकी “
* धनतेरस * धनतेरस पर कीजिए , धन लक्ष्मी का मान ।पूजित हैं इस दिवस पर , धन्वंतरि भगवान ।।धन्वंतरि भगवान , शल्य के जनक चिकित्सक ।महा … Read more
* धनतेरस * धनतेरस पर कीजिए , धन लक्ष्मी का मान ।पूजित हैं इस दिवस पर , धन्वंतरि भगवान ।।धन्वंतरि भगवान , शल्य के जनक चिकित्सक ।महा … Read more
तन पर कविता हर मशीन का कलपुर्जा,मिल जाए तुम्हे बाजार में।नहीं मिलते हैं तन के पुर्जे,हो चाहे उच्च व्यापार में। नकारात्मक सोचे इंसा तो, सिर भारी हो जाएगा।उपकरणों की किरणों से , चश्माधारी हो जाएगा।जीभ के स्वादों के चक्कर में,न डालो पेनक्रियाज को मझधार में।नहीं मिलते हैं तन के पुर्जे,हो चाहे उच्च व्यापार में। तला हुआ जब … Read more
संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कविता मैं पृथ्वी,सुनाती हूं अपनी जुबानी साफ जल, थल, वायु से,साफ था मेरा जीवमंडल।मानव ने किया तिरस्कार,बर्बरता से तोड़ा मेरा कमंडल।दूषित किया जल, थल, वायु को की अपनी मनमानी ।मैं पृथ्वी,सुनाती हूं अपनी जुबानी। उत्सर्जन जहरीली गैसों का, औद्योगिकरण का गंदा पानी, वन नाशन,अपकर्ष धरा का निरंतर बढा़ता चला गया।ऋषियो, मुनियों ने माना था,मुझे कुदरत का … Read more
घर वापसी नित नित शाम को, सूरज पश्चिम जाता है। श्रम पथ का जातक फिर अपने घर आता है। भूल जाते हैं बातें थकान और तनाव की ,अपने को जब जबपरिवार के बीच पाता है। पंछियों की तरह चहकतेघर का हर सदस्य,घर का छत भी तब अम्बर नजर आता है। कल्प-वृक्ष की ठंडकता भी फीकी सी लगने लगे शीतल पानी का गिलासजब … Read more
यहाँ हम आपको ” ग़ज़ल कैसे लिखें/गजल का अर्थ क्या है व इसके नियम क्या हैं ” के बारे में बताने वाले हैं जिसे विभिन्न माध्यम से हमने संग्रहित किया है .