वसंत आया पर कविता दूल्हा बन
वसंत आया पर कविता वसंत आया दूल्हा बन,वासंती परिधान पहन।उर्वी उल्हासित हो रही,उस पर छाया हुआ मदन।। पतझड़ ने खूब सताया,प्रियतमा बन गई विरहन ।पर्ण-वसन सब झड़ गये,किये क्षिति ने लाख जतन।। ऋतुराज ने उसे मनाया,नव कोपलें ,नव पल्हव।बनी धरा…