Category हिंदी कविता

संभव क्यों नहीं कविता-विनोद सिल्ला

संभव क्यों नहीं कविता कामना हैन हो कोई सरहदन हो कोई बाधाभाषाओं कीविविधताओं कीजाति-पांतियों कीसभी दिलों में बहेएक-सी सरितासबके कानों में गूंजेएक-से तरानेसबके कदम उठेंऔर करें तयबीच के फांसलेयह सबनहीं है असंभवआदिकाल में थाऐसा हीफिर आज संभवक्यों नहीं Post Views:…

एहसास कविता

एहसास कविता जब मै तुमको देखा तोमन मे हलचल होने लगी ।दिल में एक अहसास हुआ,लगा की मुझे प्यार होने लगा । दिल धड़कने लगा जोर से,जब से तुमको मैने देखा है ।मेरे दिल को न जाने क्या हुआजब से…

सुंदरता पर कविता

सुंदरता पर कविता *प्रकृति की सुंदरता को देखकर,**मेरा मन प्रसन्न हो गया,**प्रकृति की गोद मे अपनी सारी जिंदगी यही कही खो गया,**कभी सुखी धरा पर धूल उड़ती है,**तो कभी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,**प्रकृति की सुंदरता हो ना हो,**उसमे…

Courage

हौसले पर हिंदी कविता

हौसला हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम परिस्थितियों के खिलाफ स्थिर रहने के लिए अपना विश्वास खो देते हैं। यह हमें हार नहीं मानने की शक्ति और उत्साह प्रदान करता है, और हमें अग्रसर करने के…

village based Poem

गांव पर दोहे

गांव पर दोहे शहर नगर में विष घुले, करे जोर की शोर।शुद्ध हवा बहने लगी, चलो गांव की ओर।।१।। तेज गमन की होड़ में, उड़े बड़े ही धूल।मुक्त रहो इस खेल से, बात नही तुम भूल।।२।। शांत छांव में मन…

गुण की पहचान पर कविता

गुण की पहचान पर कविता वन में दो पक्षी, दिख रहे थे एक समान।कौन हंस है कौन बगुला, कौन करे पहचान। बगुला बड़ा था घमंडी, कहता मेरे गुण महान।तेज उड़ सकता हूं तुझसे, कह रहा था सीना तान। झगड़ा सुनकर…

सफलता पर कविता

सफलता पर कविता मन मे जोश उमंग भर लो,तुम्हे नया आकाश मिलेगा,आसमान को जरूर छू लो गे,रखो तुम मन मे विश्वास।ख्वाहिश को खामोश रखो,सफलता की ओर आगे बढ़ो,अहंकार कभी ना करना,मेहनत तुम करते जाओ।हार-जीत के बारे मे सोचो ना,कठिन राह…

निषादराज के दोहे

*निषादराज के दोहे* (1) *दामिनी*देखा जबसे दामिनी,चकाचौंध अब नैन।होश हुआ मदहोश अब,ढलने को अब रैन।। (2) *व्योम*व्योम हुआ गहरा बहुत,बादल छाये आज।नहीं मिला अब चैन भी,नहीं हुआ कुछ काम।। (3) *पुलकित*माँ का आशीष है मिला,जीवन में उल्लास।पुलकित मेरा तन हुआ,हुआ…

लाजवाब जोड़ा कविता

लाजवाब जोड़ा कविता-विनोद सिल्ला रहता हैहमारी लॉबी मेंचिड़ियों का जोड़ाइनमें है अत्यधिक स्नेहनहीं रहते पल भरएक-दूसरे से दूरनहीं है इनमेंसॉरी-धन्यवाद सीऔपचारिकताएंये बात-बात कोनहीं बनातेनाक का सवालरखते हैंएक-दूसरे का ख्यालनहीं उतारतेबाल की खालदोनों में सेकिसी के मुंहकभी नहीं सुनीससुराल की शिकायतमुझे…

बहादुरों पर कविता

बहादुरों पर कविता (1)तिलक लगा ले माथे पर,शस्त्र उठा ले हाथों पर।वन्दे मातरम की गूंज से,निकल पड़े मैदानों पर।(2)योगेंद्र अनुज अमोल विजयंत,जाबाज सिपाही थे कारगिल पर।कर चड़ाई टाइगर हिल में,दिखा दी साहस अपने दम पर।(3)तोपे जब चली रण पर,गोले बरस…