
मीत बना कर लो रख हे गिरधारी/गीता द्विवेदी
मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन…
मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन…
यहां पर राधा कृष्ण के अन्यय प्रेम को कविता का रूप दिया गया है।
काम पर कविता लाख निकाले दोष, काम होगा यह उनका।उन पर कर न विचार, पाल मत खटका मन का।करना है जो काम, बेझिझक करते चलना।टाँग खींचते लोग, किन्तु राही मत रुकना।कुत्ते सारे भौंकते, हाथी रहता मस्त है।अपने मन की जो…
राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। राम अयोध्या…
यहां दोहे के माध्यम से शाकाहार के महत्व के बारे में बताया गया है
यहां शाकाहार पर आधारित कुछ दोहे दिए गए हैं
किरीट सवैया पर कविता भारत भव्य विचार सदा शुभ, भारत सद् व्यवहार सदा शुभभारत मंगल कारक है नित, भारत ही हित कारक है शुभ।भारत दिव्य प्रकाश सदा शुभ, भारत कर्म प्रधान सदा शुभ।भारत भावन भूमि महा शुचि, भारत पावन धार…
अनेकों भाव हिय मेरे अनेकों भाव मन मेरे, सदा से ही मचलते हैं।उठाता हूँ कलम जब भी, तभी ये गीत ढलते हैं।पिरोये भाव कर गुम्फित, बनी है गीत की मालाकई अहसास सुख-दुख के, करीने से सजा डाला।समेटे बिंब खुशियों के,…
दोहा पंचक -रामनाथ साहू ननकी किन्नर खूब मचा रहे , रेलयान में लूट ।कैसी है ये मान्यता , दी है किसने छूट ।। जल थल नीले गगन पर ,, मानव का आतंक ।दोहन जो करता मिले , सागर को ही…
त्रिपदिक . अतीत धरोहर है ।सुधार ले चल आज कोतुझे आता जौहर है । *जीवन रण हारा अगर ।मत हो निराश बाँकुरेदेगी विजय मंत्र समर । *कविता नहीं बोल रहा ।आप बीती है मेरीभेद ये क्यों खोल रहा । …