Category विविध छंदबद्ध काव्य

वेदों पर कविता- डिजेन्द्र कुर्रे

वेदों पर कविता सार भरा ऋग्वेद में ,देवों का आह्वान।लिखा वेद जी व्यास ने,जिसका अतुल विधान।। यजुर्वेद में मंत्र का,पावन है विस्तार।मुनिजन जिसको बाचकर,पाएं जीवन सार।। तन मन को शीतल करें,सामवेद का ज्ञान।लिखा मंत्र के रुप में,जिसमें सुर लय तान।।…

manibhai Navratna

मनीभाई नवरत्न के दोहे

मनीभाई नवरत्न के दोहे 1)मित सुख दे भ्राता- पिता , सपूत भी सुख दे मित।सुखी होती  वो नारी ,   जो सुख दे पति नित।।2)धन संचय कर ना साधु ,धन का नहि होती ठौर।आज इसके पास है ,कल हो जाए किसी…

मोहिनी-डॉ एन के सेठी

मोहिनी-कुंडलियाँ सूरत है मन मोहिनी, राधा माधव साथ।हुए निरख सब बावरे, ले हाथों में हाथ।।ले हाथों में हाथ, छवि लगती अति न्यारी।मुरलि बजाए श्याम,लगे सबकोये प्यारी।।कहता कवि करजोरि,है मनमोहिनी मूरत।सब पाएं सुख चैन, देखके उनकी सूरत।।🕉🕉🕉🕉राधा गोरी है अधिक, साँवले…

पृथ्वीराज पर कविता-बाबूलालशर्मा *विज्ञ*

पृथ्वीराज पर कविता अजयमेरु गढ़ बींठली, साँभर पति चौहान।सोमेश्वर के अंश से, जन्मा पूत महान।। ग्यारह सौ उनचास मे, जन्मा शिशु शुभकाम।कर्पूरी के गर्भ से, राय पिथौरा नाम।। अल्प आयु में बन गए, अजयमेरु महाराज।माँ के संगत कर रहे, सभी…

धरा पर कविता (दोहा)

धरा पर कविता आज धरा में प्रेम ही, मानवता का सार।। जिनके मन में प्रेम हो, करता नित उपकार।।१।। प्रेम मिले तो दुष्ट भी, बने धरा में संत।। इसकी महिमा क्या कहूंँ, पावन अतुल अनंत।।२।। *अपनी जननी हैं धरा,* प्रेम…

कोरोना से युद्ध पर कविता

कोरोना से युद्ध पर कविता कोरोना से युद्ध~~~~~~~~~~~~~उनकी खातिर प्रार्थना,मिलकर करना आज।जो जनसेवा कर रहे,भूल सभी निज काज।भूल सभी निज काज,प्राण जोखिम में डाले।कोरोना से युद्ध ,चले करने दिलवाले।कह डिजेन्द्र करजोरि,सुनो उनके भी मन की।बस सेवा का भाव,हृदय में बसती…

शराब पर कविता

शराब पर कविता कुण्डलिया छंद पीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की खान,रखो अपने सुध बुध को।खुश हो घर परिवार,रोक लेना तुम खुद को।छोड़ शराबी यार,अगर बढ़िया से जीना।नशा पान बेकार,कभी मत इसको पीना।।…

शिव स्तुति-रमेश शर्मा

प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

श्रमिक पर कविता

श्रमिक पर कविता खून पसीना एक कर,करता जग कल्याण।औरों के हित के लिए, देता अपने प्राण।।????स्वेद बहे मजदूर का, तभी बने आवास।जीवन में पाता वही, श्रम से करे प्रयास।।????श्रम जीवन में जो करे, होता बड़ा महान।इसके बल पर ही वही,…