Category विविध छंदबद्ध काव्य

जीत का विश्वास पर कविता

जीत का विश्वास पर कविता संघर्ष से भरा जीवन,अग्रसर सतत होना।काँटो पर भी चलकर,हँसकर पल बिताना। मुश्किल समझे दुनिया,उसको जोश दिखा जाना।हर लक्ष्य को प्राप्त कर,राहों पर चलते जाना। चिंता मन से हटाकर,आशा की किरण जगाना।उत्साह भर ले मन में…

नित्य करूँ मैं वंदना

नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से ,हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना,मात-पिता के नाम।।…

Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी मर्यादा श्री राम की, जीवन में अपनाय।अहंभाव को त्यागकर,सदा नम्र बन जाय।।1।। सेवक हो हनुमान सा,होय न हिम्मत हार।लाय पहाड़ उठायके, करें दुखों से पार।।2।। अंत दशानन का हुआ, हुई राम की…

पुस्तक पर दोहे – डॉ एन के सेठी

यह विभिन्न श्रेणियों के अर्न्तगत हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओँ एवं ब्रेल लिपि में पुस्तकें प्रकाशित करता है। यह हर दूसरे वर्ष नई दिल्ली में ‘विश्व पुस्तक मेले’ का आयोजन करता है, जो एशिया और अफ्रीका का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। यह प्रतिवर्ष…

सच को सच जाने-राजकिशोर धिरही

दोहे: -सच को सच जाने सच को सच जाने बिना,मुँह से कुछ मत बोल।सच आएगा सामने,बज जाएगा ढ़ोल।। सुनी सुनाई बात में,कुछ भी देते जोड़।रोके हम अफवाह को,जीवन के हर मोड़।। जात धर्म पे लड़ रहे,युग युग से इंसान।समझे जो…

आम फल पर दोहे

आम फल पर दोहे फल में राजा आम है,चाकू धर के काट।केसर देशी लंगड़ा,खाना इसको चाट।। कई किस्म है आम के,करता कफ को दूर।खास फायदा देह को,खाते इसको शूर।। पेट दर्द या गैस में,खाते हैं सब आम।फूल बीज फल छाल…

Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम स्तुति / लक्ष्मीकान्त शर्मा ‘रुद्रायुष’

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। श्रीराम स्तुति…

ब्रजधाम पर कविता- रेखराम साहू के दोहे

ब्रजधाम पर कविता मधुवन काटा जा रहा, रोता है ब्रजधाम।गूँगी गाएँ गोपियाँ, छोड़ गए जब श्याम ।। कालिंदी कलुषित हुई, क्रंदन करे कदंब।नंद नहीं,आनंद में, आहत यशुदा अंब।। घर,आँगन,पनघट,गली,और दुखी हर द्वार ।पीपल,बरगद,नीम की,खोई कहाँ कतार ।। वृद्ध आम को…

जीत पर कविता

जीत पर कविता जब तक स्वास है ,करना अभ्यास है ।चित से प्रयास करें ,पूरी हर आस हो। परिश्रमी सच्चा जो,सफल रहे सदा वो।लक्ष्य मन में रखें,मंजिल ना दूर हो। बड़ों का आदर जहां ,सुस्वर्ग होता वहां।वंदन मन से करो…

पानी पर कविता

पानी पर कविता क्षिति जल पावक नभ पवन,जीवन ‘विज्ञ’ सतोल।जीवन का आधार वर,पानी है अनमोल।। मेघपुष्प ,पानी सलिल, आप: पाथ: तोय।*विज्ञ* वन्दना वरुण की, निर्मल मति दे मोय।। जनहित जलहित देशहित, जागरूक हो *विज्ञ*।जीवन के आसार तब, जल रक्षार्थ प्रतिज्ञ।।…