13 मई पर कविता

13 मई पर कविता जीवन के शुभ दिवसों का सबेरा है।मिलती रहे खुशियों का पल बसेरा है।खास जीवन का अहसास कर लें आज।तारीखों में विशेष मैं तेरा(मई 13) है।1।करूँ निवेदन सबको,विद्या का वरदान मिले।हर वक्त काम आए,शिक्षा व सम्मान मिले।जग को देखो समरूप,तुमको समरूपता का ज्ञान मिले।मिले न धन दौलत,जग में ऊँचा तुम्हारा नाम मिले।2।कर्मों … Read more

छात्र राजनीति और राजनीतिक संस्कार पर लेख

छात्र राजनीति और राजनीतिक संस्कार (सामयिक प्रतिक्रिया )   हमारे महाविद्यालय में कल यानी 28.02.2020 को वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के दौरान कुछ निराशाजनक घटनाएं और दृश्य देखने को मिला।मंच संचालन जैसी छोटी सी बात को लेकर दो छात्र यूनियन के बीच जिस तरह से आरोप -प्रत्यारोप लगाते हुए … Read more

विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही

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विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही बचना मच्छर काट से,मानो मेरी बातमच्छरदानी को लगा,नींद पड़े दिन रात।।नींद पड़े दिन रात,हटे बाधा तब सोना।स्वच्छ रहे घर द्वार,साफ हो कोना कोना।।मलेरिया से दूर,सुरक्षा घेरा रचना।उड़ते मक्खी कीट,सदा इनसे तुम बचना।। पानी आँगन में भरे,बाहर उसको फेंक।मच्छर का लार्वा बढ़े,बीमारी की टेक।।बीमारी की टेक,गंदगी बढ़ता जाता।मलेरिया ज्वर … Read more

शिक्षक पर कविता

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता

श्रमिक-विकास की बुनियाद पर कविता सूरज की पहली किरण से काम पर लग जाता हूँ।ढलते सूरज की किरणों संग वापस घर को आता हूँ।अपने घर परिवार के लिए,शरीर की चिंता छोड़ मैं।हवा,पानी,धूप,छांह को हँसकर सह जाता हूँ।।1।। नव निर्माण,नव विहान की शुरुआत हूँ मैं।देश के विकास की पहली ईंट बुनियाद हूँ मैं।सोचता हूँ गढ़ रहा … Read more