भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने…
वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी…
हरितालिका तीज!(घनाक्षरी) भाद्रपद शुक्ल पक्ष, पावन तृतीया तिथि,पूजन निर्जला ब्रत,रखें नारी देश के! माता रूप मोहनी सी, श्रृँगारित सोहनी सी,उम्र यश लंबी माँगे,अपने प्राणेश के! दृढ़वती धर्मधारी, सुहागिन या कुँवारी,वर…
खुशबु फूलों मेंहोती है खुशबुनहीं होती फूलों में हीहोती हैकुछ व्यक्तियों केव्यवहार में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों केकिरदार में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों केस्वभाव में भीहोती हैकुछ व्यक्तियों कीप्रवृत्ति में भीहोती हैकुछ…