भारत माता पर कविता / भारत पर कविता

भारत माँ पर कविता : भारत को मातृदेवी के रूप में चित्रित करके भारत माता या 'भारतम्बा' कहा जाता है। भारतमाता को प्राय नारंगी रंग की साड़ी पहने, हाथ में तिरंगा ध्वज लिये हुए चित्रित किया जाता…

भूख पर कविता

भूख पर कविताएं कविता 1. भूख केवल रोटी और भात नहीं खातीवह नदियों पहाड़ों खदानों और आदमियों को भी खा जाती हैभौतिक संसाधनों से परेसारे रिश्तों और सारी नैतिकताओं को…

देश पर कविता

 दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। हमारा देश किसानों का देश,अरमानों का…

भाई दूज पर कविताएँ

भाई दूज पर कविताएँ : रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह 'रक्षासूत्र' मात्र धागे का एक टुकड़ा…

चेतना आधारित कविता

चेतना आधारित कविता वह  चेतन  निर्द्वन्द  है अद्भुत  निर्विकार  हैसारे विकार  मनजनित कल्पित संस्कार है ।आत्म सत्ता है सर्वोपरि  बोधक है  सदगुरु ,भ्रम  भेद  भय भटकाता अतुल भवभार है ।जो…

छेरछेरा त्योहार पर कविता

छेरछेरा त्योहार पूस मास की पूर्णिमा, अन्न भरे घर द्वार।जश्न मनाता आ गया, छेरछेरा त्योहार।।अन्न दान का पर्व है, संस्कृति की पहचान।मालिक या मजदूर हो, इस दिन एक समान।। घर-घर…

अन्धविश्वास पर कविता

अन्धविश्वास पर कविता तंत्र मंत्र के चक्कर की खबरे खूब आती हैअन्धविश्वास में अक्सर जानें ही जाती है। सुन लो घटना हुआ जो कोरबा रामकक्षार हैअंधभक्त पुत्र ने कर दिया…

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को

कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को ऐ पाक़!तू क्यों तना है अपना घर जलाने को। कोशिश क्यों नही करता अपना घर बसाने को।। तुम्हारे तमाम ज़ुल्मों को सीनें…

संगम नगरी प्रयागराज

संगम नगरी प्रयागराज संक्रांति के पावन दिवस परचलो आज हम कुंभ नहालेंप्रयागराज के संगम तट परमाँ गंगे का भव्यदर्शन पा लें।।     भव्य दिख रही संगम नगरी     भाँति- भाँति के लोग…