मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 3
हाइकु अर्द्धशतक १०१/ विकासशीलजगत का नियमहरेक पल १०२/अनुकूलनअस्तित्व का बचावकर पहल १०३/वातावरणकरता प्रभावितचल संभल १०४/ बच्चों के संगमिल जाती खुशियाँअपरम्पार। १०५/ जीवन कमसमय फिसलताख्वाब हजार। १०६/ सूक्ष्म शरीरमन की चंचलताचांद के पार। १०७/ सर्वसमतानेकी बदी की छायाहरेक द्वार। १०८/ शहर शोरहो जुदा तू कर लेमौन विहार। १०९/ स्वर्ण बिछौना बिछाये धरा पररवि की रश्मि। ११०/ … Read more