बताइये आप कौन हैं
बताइये आप कौन हैं कुछ लोग हामी भरने मेंबड़े माहिर होते हैंपर काम कुछ भी नहीं करतेउनके मुख से हमेशानिकलता है हाँ-हाँ-हाँइनके शब्दकोश में ‘ना’ शब्द नहीं होताये कभी ना कहते ही नहींज़बान से कभी मुकरते ही नहींकाम करो या…

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
बताइये आप कौन हैं कुछ लोग हामी भरने मेंबड़े माहिर होते हैंपर काम कुछ भी नहीं करतेउनके मुख से हमेशानिकलता है हाँ-हाँ-हाँइनके शब्दकोश में ‘ना’ शब्द नहीं होताये कभी ना कहते ही नहींज़बान से कभी मुकरते ही नहींकाम करो या…
कैमरे पर कविता वे रहते हैं ब्लैकआउट कमरों मेंवे हमें देखकर चलते है दांवबंद होते हैं उनके दरवाज़े और किवाड़हर बार हमारे साथ होता है खिलवाड़ हम देख नहीं पातेकोई भी उनकी कारगुजारियांकोई भी चालाकियां…. अब गए वो ज़मानेजब दीवारों…
सुबह पर कविता सुबह-सुबह सूरज ने मुझेआकर हिचकोलाऔर पुचकारते हुए बोलाउट्ठो प्यारेसुबह हो गई हैआलस त्यागोमुँह धो लो मैंने करवट बदलते हुएअंगड़ाई लेते हुएलरजते स्वर में बोलासूरज दादाबड़ी देर में सोया थाथोड़ी देर और सोने दो नमुझे आजअपने उजास के…
आख़िर गुस्तागी पर कविता अहम से भरा मूर्तिमानराजन ऊँचे आसन परविराजमान थाचाटुकार मंत्रीगणउनके नीचे इर्द गिर्द बैठे हुए थे दरबार में मेरी पेशी थीमुझे ही मेरी गुस्ताख़ी पता नहीं थामुझ पर कुछ आरोप भी नहीं थेमन ही मन सोचा–आख़िर मेरी…
आविष्कारों पर कविता ये जो रेफ्रीजरेटरवैज्ञानिकों ने बनाया हैकमाल हैसब्ज़ी भाजी को सड़ने नहीं देताऔर खाने पीने की चीजों कोरखता है बड़ा ठंडा-ठंडा कुल-कुल ये एयर कंडीशनर भीबड़े कमाल के हैंबड़ी ज़ल्दी हीछू मंतर कर देती हैहमारे शरीर की सारी…
मुझे पता है कविता खौफ़ में क्या बोलेगा मुझे पता है। रात को दिन बोलेगा मुझे पता है।1। वक़्त आने पर मेरे पक्ष में कोई नहीं बोलेगा मुझे पता है।2। साजिशें हैं उनकी गवाह भी उनके जज क्या बोलेगा मुझे…
गंजापन पर कविता मेरा मित्र गंजाथा बहुत हिष्ट पुष्ट और चंगातपती धूप में अकेले खड़ा थाउसका दिमाग़ न जानेकिस आइडिया में पड़ा था?मेरा बदन तो धूप में जल रहा थापर गंजा मित्र धूप में खड़ा होकरअपने सर में सरसो तेल…
कवि पर कविता ?मेरा मित्रएक कवि को दूर से आता देखअचानक रुकने लगाबगल वाली गली में जाकरन जाने क्यों छुपने लगामैंने कहा-यारकवि से उधार लिया है पैसाया चुराया है उसका भैंसाअगर नहीं तोकवि से तुझे क्या परेशानी हैवह तो कवि…
शराब पर कविता कुण्डलिया छंद पीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की खान,रखो अपने सुध बुध को।खुश हो घर परिवार,रोक लेना तुम खुद को।छोड़ शराबी यार,अगर बढ़िया से जीना।नशा पान बेकार,कभी मत इसको पीना।।…
मंजूर नहीं पर कविता संघर्षों में ही काटूंगा मैं अपना सारा जीवन क्योंकि मुझे किसी तरह से भी किसी रूप में भी किसी कारण वश भी कदम दर कदम पर समझौता करना मुझे मंजूर नहीं।। Post Views: 90
आत्मविश्वास पर कविता मानसिक शक्ति में वृद्धि ला,सुविचार आत्मविश्वास बढ़ा।सरल व्यक्ति की धनी बनकर,मन की चिंता दूर हटा । अंत: भावना जीवन मे ला,जीवन क्षेत्र में हौसला बढ़ा।प्रगति को शिखर में लाकर,कठिन कार्य को सक्षम बना। स्वतंत्रता संग्राम में कूद…

भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं…