बछ बारस पर कविता – दोहा छंद
बछ बारस पर कविता – दोहा छंद बछ बारस सम्मानिए, गौ बछड़े की मात।मिटे पाप संताप तन, दैव प्रमाणित बात।। पावस सावन में मनें, बछ बारस का पर्व।गौ सेवा कर नर मिले, मेवा मंगल गर्व।। भिगो मोठ को लीजिए, उत्तम यह आहार।गौ को मीठे में खिला, बछ बारस व्यवहार।। गौ माताएँ हिन्द हित, बछ सौभाग्य … Read more