राउत नाचा पर कविता काव्य विधा : -रोला दीवाली के पूर्व, नाचते राउत नाचा।हिन्दू का त्योहार, सदा हिय प्रेमिल वाचा ।।यादव कुल समुदाय, नृत्य इस पर हैं करते ।हाना दोहे…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "चँदैनी पर रोला" छत्तीसगढ़ की लोककथा लोरिक-चंदा पर आधारित है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "डंडा नृत्य" छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नृत्यों में से एक, डंडा नृत्य पर केंद्रित है। डंडा नृत्य छत्तीसगढ़ की…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "पंडवानी" छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय लोककला पंडवानी पर केंद्रित है। पंडवानी महाभारत की कथा को गायन और नृत्य के…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता "ददरिया" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर ददरिया गीत पर केंद्रित है। ददरिया छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय…
शिवकुमार श्रीवास "लहरी" छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कुंडलिया "पंथी पर" छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर पंथी नृत्य पर केंद्रित है। पंथी नृत्य छत्तीसगढ़ का…
शाकाहारी पर दोहे / डिजेन्द्र कुर्रे========================श्रेष्ठ मनन चिंतन रहें, विनयशील व्यवहार।जिसने अपने जन्म में, चुन ली शाकाहार।।शाकाहारी को मिले, चिंतन में अध्यात्म।भोज तामसिक से मिले, मानवता को घात।।हरि-हरि भाजी शाक…
छन्न-पकैया छन्न-पकैया छन्न-पकैया छन्न-पकैया, सुन लो बात हमारी।अच्छी सेहत चाहो जो तुम, बनना शाकाहारी।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, जो हो शाकाहारी।रक्तचाप में संयम रहता, होती नहीं बिमारी।। छन्न-पकैया छन्न-पकैया, सादा भोजन करना।लंबा…
अपनाओ सब शाकाहार हृष्ट-पुष्ट तन रखे निरोगी, दे यह सात्विक शुद्ध विचार।सर्वोत्तम आहार यही है, अपनाओ सब शाकाहार।। मार निरर्थक मूक जीव को, देना उन्हें नहीं संत्रास।ऐसे निर्मम पाप कर्म…
शाकाहारी जीवन करें व्यतीत जन्म हुआ मानव का लेकर ,सौम्य प्रकृति आधार।तृण- तृण इसके रग- रग में है,रचता रहता सार।अंग सभी प्रत्यंग सजे हैं,सात्विक शक्ति शरीर,मन का मनका प्रस्तुत करता…
शाकाहारी भोजन अपनाइए भोजन अपनी अपनी पसंद का सभी का होता है।कोई मांसाहारी तो कोई शाकाहारी होता है ।।कुछ कहते मांसाहारी अच्छा होता है।कोई शाकाहारी को अच्छा कहता है ।।अपनी…