मेरी तीन माताएँ

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। मेरी तीन माताएँ नौ मास तक जिसने ओद्र में रखकर,,हमें इस संसार में लायी।अपनी स्तन का अमृत पिलाकर,,इस जग … Read more

ओ तरु तात सुन ले

ओ तरु तात सुन ले ओ!तरु तात!सुन लेमेरी वयस और तेरी वयस का अंतर चिह्न लेमैं नव अंकुर,भू से तकतातेरे साये में पलतातू समूल धरा के गर्भ में जम चुका। माना ,तेरी शाखा छूती जलद कोमधुर स्पर्श से पय-नीर पान करतीपर जिस दिन फैलेगी मेरी शाखाएँघनों को पार कर पहुँचेगी अनंत तकऔर चुनेगी स्वर्णिम दीप-तारक। … Read more

चाहत को तुम पलकों में छुपाया न करो

चाहत को तुम पलकों में छुपाया न करो सुनो न सुनो न ऐसे तड़पाया न करोपास बुला के दूर को हटाया न करोआख़िर इतना क्यों इतराते रहते होकितनी बार कहा है भाव खाया न करो गैरों से हंस हंस के तुम क्यों बातें करते होइस तरह से मुझको तुम जलाया न करोकभी कभी चलता है … Read more

सादा जीवन की अभिलाषा

सादा जीवन की अभिलाषा संयम के संग जीना चाहा,सँकल्प किया था मैने भी!सादा जीवन की अभिलाषा,कभी पाली थी मैने भी! जीवन रथ की चाल बैढँगी,कठिन डगर पर चला गया!मन के मेरे सब वादों को,पल पल मितवा छला गया!रिश्ते नातों की उलझन में,वादे तोड़े  मैने भी!संयम के संग जीना चाहा,सँकल्प किया था मैने भी!……(१) रहा भटकता … Read more

भारत मां के सपूत

भारत मां के सपूत                   (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल।देश आजादी पाने के लिए,बना लिए दलबल।भारत मां के सपूत है … Read more