वन्दे मातरम् गाऊँगा
वन्दे मातरम् गाऊँगा बापू जी के चरखे को,मैं भी खूब घुमाऊँगा।सत्य-अहिंसा की बातें,सबको रोज सुनाऊँगा।। चाचा जी के लाल ग़ुलाब,बाग़-बगीचे में लगाउँगा।शीश झुकाकर चरणों में,लाल ग़ुलाब चढ़ाऊँगा।। पर्वत-घाटी ऊँचा चढ़कर,तिरंगा ध्वज फहराउंगा।चाहे दुनिया जो भी करले, वन्देमातरम् गाऊँगा।। ||स्वरचित||उमेश श्रीवास”सरल”मु.पो.+थाना-अमलीपदरविकासखण्ड-मैनपुरजिला-गरियाबंद,छत्तीसगढ़