वन्दे मातरम् गाऊँगा

mahatma gandhi

वन्दे मातरम् गाऊँगा बापू जी के चरखे को,मैं भी खूब घुमाऊँगा।सत्य-अहिंसा की बातें,सबको रोज सुनाऊँगा।। चाचा जी के लाल ग़ुलाब,बाग़-बगीचे में लगाउँगा।शीश झुकाकर चरणों में,लाल ग़ुलाब चढ़ाऊँगा।। पर्वत-घाटी ऊँचा चढ़कर,तिरंगा ध्वज फहराउंगा।चाहे दुनिया जो भी करले,    वन्देमातरम् गाऊँगा।।     ||स्वरचित||उमेश श्रीवास”सरल”मु.पो.+थाना-अमलीपदरविकासखण्ड-मैनपुरजिला-गरियाबंद,छत्तीसगढ़

बापू पर कविता

mahatma gandhi

बापू पर कविता भारत ने थी पहन ली, गुलामियत जंजीर।थी  अंग्रेज़ी  क्रूरता, मरे   वतन  के   वीर।। काले पानी  की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली  गाली  बरसते, भर  देते  थे  जेल।। याद करे जब देश वह, जलियाँवाला बाग।कायर  डायर  क्रूर  ने, खेला  खूनी फाग।। मोहन, मोहन  दास बन, मानो  जन्मे  देश।पढ़लिख बने वकीलजी,गुजराती परिवेश।। देखे  मोहन दास  … Read more

वाणी वन्दना

वाणी वन्दना    निर्मल करके तन_ मन सारा,   सकल विकार मिटा दो माँ,    बुरा न कहे माँ किसी को भी    विनय यह स्वीकारो  माँ।      अन्दर  ऐसी ज्योति जगाओ      हर  जन का   उपकार करें,       मुझसे यदि त्रुटि कुछ हो जाय       उनसे मुक्ति दिलाओ  माँ।        प्रज्ञा  रूपी किरण पुँज तुम        हम तो निपट  अज्ञानी है,         हर दो … Read more

बोझ पर कविता

बोझ पर कविता कभी कभीकलम भी बोझ लगने लगती हैजब शब्द नहीं देते साथअंतरभावों काउमड़ती पीड़ायें दफन हो जातीभीतर कहींउबलता है कुछधधकता हैज्वालामुखी सीविचारों के बवंडरभूकंप सा कंपाते हैमन मस्तिष्क कोऔर सारे तत्वों के बावजूदमन अकेला हो जाता हैउस माँ की तरहजो नौ महीने सहर्षभार ढोती ।उस पिता की तरहजो कंधे और झुकती कमर तकजिम्मेदारी … Read more

जीवनामृत मेरे श्याम

जीवनामृत  मेरे   श्याम :   — अमृत  कहाँ  ले  पाबे रे  मंथन  करे बगैर ।सद्ज्ञान नई मिले तोला साधन करे बगैर ।। मन  मंदराचल  बना ले  हिरदे  समुंद  कर ,मन  नई बँधावे  देख ले  बंधन करे बगैर ।। गुन  दोष  के सुतरी  ल बने  बांध  खिंच के ,मथ  रात दिन आठो पहर खंडन करे बगैर ।। … Read more