प्रेम अमर रत्न की – निकिता कुमारी
प्रेम अमर रत्न की
प्रेम अमर रत्न की ,
वो एक मुस्कुराहट है ,
जिस रत्न से हम सराबोर है ,
नभ की अभिकल्पनाओं में ,
जीवन तरंगित हुआ ,
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मन पुलकित हुआ ,
मन द्रुम्लित हुआ ,
नेह नयनों की आभा ,
प्यार के फुल मे ,
दिल विस्मित हुआ !
– निकिता कुमारी
युवा कवयित्री एवं छात्रा
चैनपुर, सीवान, बिहार
पिन- 841203