मंजिल पुकार रही है प्रेरणा गीत- आशीष कुमार

प्रस्तुत प्रेरणा गीत का शीर्षक “मंजिल पुकार रही है” जोकि आशीष कुमार मोहनिया, कैमूर, बिहार की रचना है. यह लोगों को उनकी मंजिल पाने की अर्थात कामयाबी हासिल करने के लिए हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा पर आधारित गीत है.

अकारण ही -राजुल

जीवन यात्रा में बहुत कुछ अकारण होते,रचते रहना चाहिए। वृत्ताकार और यंत्रवत जीवन जीने से मर सा जाता है आदमी और निष्प्राण हो जाती है उसके अंदर की आदमियत…

ये आम अनपढ़ बावला है

ये आम अनपढ़ बावला है दुर्व्यवस्था देख,क्या लाचार सा रोना भला है।क्या नहीं अब शेष हँसने की रही कोई कला है। शोक है उस ज्ञान पर करता विमुख पुरुषार्थ से जो,भाग्य की भी भ्राँतियों ने,कर्म का गौरव छला है। आग तो कोई लगा दे,रोशनी के नाम से पर,क्रांति का नवदीप केवल चेतना से ही जला … Read more

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा होता है मन मेंजागता है प्रायश्चित भाव। वैसे सब चाहते हैंगलतियां ना दोहराएं जाएं।सब पक्ष में हैंसामाजिक विकास अग्रसर हो।गम के बादल तले,सुखों का सफर … Read more