भाषा बड़ी है प्यारी -बासुदेव अग्रवाल नमन
भाषा बड़ी है प्यारी भाषा बड़ी है प्यारी, जग में अनोखी हिन्दी,चन्दा के जैसे सोहे, नभ में निराली हिन्दी। इसके लहू में संस्कृत, थाती बड़ी है पावन,ये सूर, तुलसी, मीरा, की है बसाई हिन्दी। पहचान हमको देती, सबसे अलग ये…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
भाषा बड़ी है प्यारी भाषा बड़ी है प्यारी, जग में अनोखी हिन्दी,चन्दा के जैसे सोहे, नभ में निराली हिन्दी। इसके लहू में संस्कृत, थाती बड़ी है पावन,ये सूर, तुलसी, मीरा, की है बसाई हिन्दी। पहचान हमको देती, सबसे अलग ये…
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…
धनतेरस के दोहे (Dhanteras Dohe) धनतेरस का पुण्य दिन, जग में बड़ा अनूप।रत्न चतुर्दश थे मिले, वैभव के प्रतिरूप।। आज दिवस धनवंतरी, लाए अमृत साथ।रोग विपद को टालते, सर पे जिसके हाथ।। देव दनुज सागर मथे, बना वासुकी डोर।मँदराचल थामे…
पर्यावरण पर कविता पर्यावरण खराब हुआ, यह नहिं संयोग।मानव का खुद का ही है, निर्मित ये रोग।। अंधाधुंध विकास नहीं, आया है रास।शुद्ध हवा, जल का इससे, होय रहा ह्रास।। यंत्र-धूम्र विकराल हुआ, छाया चहुँ ओर।बढ़ते जाते वाहन का, फैल…
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…
सांध्य है निश्चल रवि को छिपता देख, शाम ने ली अँगड़ाई।रक्ताम्बर को धार, गगन में सजधज आई।।नृत्य करे उन्मुक्त, तपन को देत विदाई।गा कर स्वागत गीत, करे रजनी अगुवाई।। सांध्य-जलद हो लाल, नृत्य की ताल मिलाए।उमड़-घुमड़ कर मेघ, छटा में…
गणेश वंदना मात पिता शिव पार्वती, कार्तिकेय गुरु भ्राता।पुत्र रत्न शुभ लाभ हैं, वैभव सकल प्रदाता।। रिद्धि सिद्धि के नाथ ये, गज-कर से मुख सोहे।काया बड़ी विशाल जो, भक्त जनों को मोहे।। भाद्र शुक्ल की चौथ को, गणपति पूजे जाते।आशु बुद्धि…
भारत सब से न्यारा दुलारा भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।। सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।चारों तरफ खुशी थी,…
धुआँ घिरा विकराल बढ़ा प्रदूषण जोर।इसका कहीं न छोर।।संकट ये अति घोर।मचा चतुर्दिक शोर।।यह भीषण वन-आग।हम सब पर यह दाग।।जाओ मानव जाग।छोड़ो भागमभाग।।मनुज दनुज सम होय।मर्यादा वह खोय।।स्वारथ का बन भृत्य।करे असुर सम कृत्य।।जंगल किए विनष्ट।सहता है जग कष्ट।।प्राणी सकल कराह।भरते दारुण आह।।धुआँ घिरा विकराल।ज्यों उगले विष व्याल।।जकड़ जगत निज दाढ़।विपदा करे प्रगाढ़।।दूषित नीर समीर।जंतु समस्त अधीर।।संकट में अब प्राण।उनको कहीं न त्राण।।प्रकृति-संतुलन ध्वस्त।सकल विश्व अब त्रस्त।।अन्धाधुन्ध विकास।आया जरा न रास।।विपद न यह लघु-काय।शापित जग-समुदाय।।मिलजुल करे उपाय।तब यह टले बलाय।।बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’तिनसुकियाकविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद Post Views: 39
यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ तेरी ममता का…