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Hindi poem on food

  • सर्वोत्तम आहार/ जागृति शर्मा

    सर्वोत्तम आहार/ जागृति शर्मा

    सर्वोत्तम आहार/ जागृति शर्मा

    शाकाहार -सर्वोत्तम आहार
    हैं प्रकृति का अनुपम उपहार ।।

    न करों हिंसा
    अपनाओं शाकाहार
    पाओं सात्विक आहार।।

    जैसा खाओंगें अन्न
    वैसा होगा मन
    कह गये गुणीजन ।।

    शाकाहार की ओर बढो़
    न प्राणियों से तुम दुरव्यवहार करों,
    प्रकृति संरक्षण करो
    पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखों।।

    हे मानव ! तुम क्यों दानव
    बन सर्वाहारी बन जाते,
    क्यों जीवों की जान लेते..।

    हे मानव ! तुम मानव ही बने रहो,
    “जीओं और जीने दों” का सिद्धांत
    याद रखों ।।

    गुणों से भरपुर सोया बड़ी खाओं
    अंडे से ज्यादा प्रोटीन पाओं।।

    बादाम से तुम विटामिन E पाओं
    क्यों तुम व्यर्थ मांस -मछली खाओं।।

    शाकाहार -सर्वोत्तम आहार
    हैं प्रकृति का अनुपम उपहार ।।

    ©जागृति शर्मा,
    छत्तीसगढ़।

  • शाकाहार सर्वोत्तम आहार /वीरेन्द्र जैन

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार /वीरेन्द्र जैन

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार /वीरेन्द्र जैन

    संवेदनशीलता ही शाकाहार का सबसे मूल आधार है,
    करूणा दया हो ह्रदय में जिसके करता शाकाहार है,
    प्राण सभी जीवों में एक से जीवन सबको प्यारा है,
    फिर मानव को जीवों के भक्षण का क्या अधिकार है!!

    प्रकृति ने मानव की संरचना बनाई शाकाहार स्वरूप है,
    मनुज व पशु की दंतपंक्ति का पैनापन इनके अनुरूप है,
    पाचन शक्ति और प्रक्रिया भी शाकाहार निरूपी है,
    सृष्टि प्रदत्त वनस्पति आहार मानव हेतु अमृत रूप है।

    शाकाहार से तन को मिले पोषक तत्वों का भंडार है,
    अनेक रोगों की औषधि बनता स्वयं ही शाकाहार है,
    बल के मानक हाथी घोड़े केवल शाक कंद ही ग्रहण करें,
    महज़ कोरी बातें नहीं इनके पीछे वैज्ञानिक आधार है !!

    तामस भोजन पैदा करता तन में प्रमाद औ मनोविकार,
    मांस भक्षण उन्माद बढ़ाता क्रोध हिंसा के निम्न विचार,
    मनोविज्ञान भी कहता मन वच काय में तेजस ऊर्जा हो,
    मनोरोगों से स्वस्थ बनाता संयमित सात्विक शाकाहार !!

    दानव नहीं मानव हो तुम इस बात का ज़रा गुमान रखें
    भक्षण नहीं है आत्मधर्म रक्षण है इतना ध्यान रखें,
    रसना इंद्री के वशीभूत हो अंग लाशों के मत खाओ,
    देह देवालय तुल्य ना इसके गर्भ में कब्रिस्तान रखें !!

    सृष्टि के आदि से अहिंसा भारत की प्राणाधार रही,
    जैन व वैदिक संस्कृति की जीवन शैली शाकाहार रही,
    राम जन्मभूमि पर पुनः मंदिर निर्माण की गौरवगाथा में,
    इतिहास कहे भारत भूमि शाकाहार की मूलाधार रही!!

    वीरेन्द्र जैन नागपुर

  • शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार सर्वोत्तम आहार/ किरीत कुमार साव

    शाकाहार है सर्वोत्तम आहार,
    इसमें न कीजिए संशय विचार।।
    स्वच्छ तन – मन एवं पर्यावरण,
    निरोगी जीवन का यही है सार।।
    शाकाहार भोजन करते रहने से,
    कभी न बढ़ता शरीर का भार।।
    शाक सब्जी शुद्ध खाने से भी,
    नहीं पड़ती कभी खर्च की मार।।
    यूं न भक्षक बनते जाओ मानव,
    सुनो निरीह जीवों की पुकार ।।
    शुद्ध शाकाहार भोजन खाओ,
    अपने जीवन को शुद्ध बनाओ।।
    शाकाहार है सर्वोत्तम आहार,
    इसमें न कीजिए संशय विचार।।
    ………………………………..
    किरीत कुमार साव
    ग्राम – कुरमापाली,
    पोस्ट – कोतरा,
    जिला – रायगढ़ (छ.ग.)

  • दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा

    दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा


    दुनिया में शाकाहार/ गोरधनसिंह सोढा


    दुनिया में शाकाहार, सर्वोत्तम आहार है ।
    जिसने अपनाया उसके सुखन बहार है ।।

    जो नहीं अपनाते शाकाहार अय दोस्तों ।
    उनके जीवन पर घातक प्रहार हैै ।।

    इसमें फाईटोकेमीकल्स विटामिन फोलिकएसीड मैगनेशियम फाईबर।
    यह पूर्ण रूप संतुलित आहार है ।।

    इससे रक्तचाप कोलेस्ट्रॉल हृदयरोग का खतरा नहीं ।
    यह करता मेटाबॉलिज्म में सुधार है।।

    शकाहारी भोजन पचने में आसान है।
    कब्ज मस्सा जनक होता मांसाहार है।।

    यह डिप्रेशन को कम करता है ।
    पाक पवित्र किफायती होता शाकाहार है ।।

    मधुमेह के खतरे को कम करता ।
    स्वस्थ त्वचा रखने को तैयार है ।।

    ‘स्ट्रॉक और मोटापे का जोखिम नहीं ।
    जीवन काल बढाने का आधार है ।।

    ‘जहरीला’ इंसां होके जानवर नहीं बने।
    यही तो असल भारतीय संस्कार है ।।

    सर्वाधिकार सुरक्षित –
    गोरधनसिंह सोढा ‘जहरीला’
    बाड़मेर राजस्थान

  • सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    सर्वोत्तम शाकाहार/ सोनाली भारती

    मानव को पता है क्या अपना आहार –
    जीव चेतना से ही क्यों अब भी इतना प्यार!
    नियति विधि से नियंत्रण हेतु संयत होते शिकार,
    संतुलित है इससे पशु पक्षी का संसार।
    रसना के वशीभूत मूक जीवों का संहार?
    क्रूर आस्वादन का हिंसक ये व्यापार।
    मानवता हो मौन;हो जाए शर्मसार!
    भोजन का भाव से जुड़ता है तार,
    जैसा हो आहार;वैसा ही हो आचार।
    पहचान लें,अब तो अपना उचित आहार।।
    प्रकृति में सजे जब इतने सारे उपहार,
    फल फूल,शाक अन्न के छाए विविध प्रकार।
    पोषण से भरपूर,ताजे ताजे शाकाहार।।
    अमृतमयी दुग्ध व संजीवनी रसाहार।
    ऋतुनुरूप भोजन,पकवान के बहु प्रकार।।
    सुंदर,सरस, सर्वग्राह्य शाकाहार।
    वर्जित हो मांसाहार,सजग हो संस्कार।।
    चेतना का परिष्कार,जीवहिंसा का बहिष्कार।।
    पहचानें निश्चित आहार,स्वीकारें शाकाहार।।
    सबसे सुंदर आहार,सर्वोत्तम शाकाहार!!

    सोनाली भारती
    शिक्षिका मध्य विद्यालय बाघमारा,जसीडीह,
    देवघर,झारखंड