हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।उम्मीदें रखो दिल पर छोड़ो ना लगाम। आंधी आ जाए ,घरोंदे टूट जाए।आंधी थमने दो, जो हुआ रहने दो।फिर से बनाओ अपना मुकाम ।।हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम। माथे पे पसीना आकर सुख जाए ।मेहनत ऐसी कि … Read more

एक पेड़ की दो शाखाएं

एक पेड़ की दो शाखाएं एक पेड़ की दो शाखाएं ,एक हरी तो एक सुखी ।एक तनी तो एक झुकी।।ऐसे ही जीवन में दो पहलू हैकोई जश्ने चूर है तो कोई दुखी।।जब तक होठों में प्यास है ।तब तक कोई उदास है ।।खिलते हैं होंठ फिर सेजब प्यास बुझी बुझी ।।ऐसे ही …. जब दुनिया … Read more

आती है खुशियां थोक में

आती है खुशियां थोक में आती है खुशी थोक में,तेरे आने से ।झरती है मोती लब में, मुस्कुराने से ।यह असर है तेरी दोस्ती काजो दी है तुमने मुझे, तुमसे दिल लगाने से ।।इंतजार रहता है तेरा, मुझे सांसो से ज्यादा ।भूलूं कैसे तुमसे की हुई हर वादा ।कब छुपी है यह प्यार लाख छुपाने … Read more

घर के कितने मालिक -मनीभाई नवरत्न

घर के कितने मालिक वाह भाई !मैंने ईंटें लाई ।सीमेंट ,बालू , कांक्रीट, छड़और पसीने के पानी सेखड़ा कर लियाअपना खुद का घर।बता रहा हूँ सबकोमैं असल मालिक। ये “मैं और मेरा “मेरे होते हैं सोने के पहले।जैसे ही आयेगी झपकी।आयेंगे इस घर केऔर भी मालिकबिखेरेंगे कुतरेंगे सामान ।वही जिसे मैं कहता थाएन्टीक पीस।बताता था … Read more

मेरा मन लगा रामराज पाने को /मनीभाई नवरत्न

Jai Sri Ram kavitabahar

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मेरा मन लगा रामराज पाने को / मनीभाई नवरत्न मेरा मन लागा रामराज पाने को । मेरा … Read more