जीवन विद्या पर कविता

जीवन विद्या पर कविता जीवन रूपी विद्या, होती है सबसे अनमोल ।जानके ये विद्या, तू जीवन के हर भेद खोल।। आया कैसे इस दुनिया में , समझ तू कौन है?इस प्रश्नों के उलझन में, “मनी “क्यों मौन है ?समझ कर इस रहस्य को,जानो अपना रोल।जानके ये विद्या को, तू जीवन के भेद खोल।। स्वयं में … Read more

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष

मैं तेरा बीज – पिता पर विशेष मैं तेरा बीज – पिता पर विशेषहे पिता!मैं तेरा बीज हूँ।माँ की कोख मेंजो अंकुरित हुया ।जब-जब भुख लगी माँ,तेरे धरा का रसपान किया।गोदी में बेल की भांतिलिपटा और भरपूर जीया। तेरे खाद-पानी से पितापौधा से बना पेड़।मेरे आँखो में सदा बसा रहामाली की छवि में एक ईश्वर। … Read more

देख रहा हूँ कल – मनीभाई नवरत्न

देख रहा हूँ कल सोते हुए जो “कल” को मैंने देखा था।वह महज सपना था ।आज इस पल फिर सेदेख रहा हूं “कल” मैं जागते हुए ।हां !यही अपना रहेगा।इस पल साथ हैं मेरे तीन दोस्त“जोश जुनून और जवानी “।और इन्ही के संग मुझे गढ़नी हैनित नूतन कहानी ।कल कुछ बोलता नासमझ सेनिशानी थी बालपन … Read more

छत्तीसगढ़ी गीत : हमर देश के हमर राज

छत्तीसगढ़ी गीत : हमर देश के हमर राज हमर देश के हमर राज ,रखबो जेकर लाज गा।दीदी भई जम्मो रे संगी, करथे जेकर बर नाज गा।चिरई चिरकुन हामन जइसे,रिकिम-रिकिम के रंग बोली।बागे बगीचा मा जइसे ,करत राथे हंसी ठिठोली ।हमर मिलइ-जुलइ के देखे, झपटे सके ना बाज गा।दीदी भई जम्मो रे….. गांव शहर एके बरोबर … Read more

ये मजहब क्यों है – एकता दिवश पर कविता

ये मजहब क्यों है – एकता दिवश पर कविता ये मजहब क्यों है?ये सरहद क्यों है?क्यों इसके खातिर,लड़ते हैं इंसान ?क्यों इसके खातिर,जलते हैं मकान ?क्यों इसके खातिर,बनते हैं हैवान ?क्यों इसके खातिर,आता नहीं भगवान ?क्या करेंगे ऐसे मजहब का,जिसमें अपनों का चीत्कार है?क्या करेंगे ऐसे सरहद का,जिसमें खून की धार है?क्यों न सबका एक … Read more