मैंने चाहा तुमको हद से -मनीभाई

मैंने चाहा तुमको हद से -मनीभाई मैंने चाहा तुमको हद से,कोई खता तो नहीं।मैंने मांगा मेरे राम सेकोई ज्यादा तो नहीं।तू समझे या ना समझेतू चाहे या ना मुझे चाहेइसमें कोई वादा तो नहीं। तेरी भोली बातें सुनूं,या देखूं ये निगाहेंकैसे संभालूं दिल को,कैसे छुपाऊं आहें।तेरे पास पास रहूं,तेरे साथ साथ चलूंइसकी कोई वजह तो … Read more

मेरी जीवन यात्रा

मेरी जीवन यात्रा मेरी ये यात्रामुट्ठी बंद शून्य सेअशून्य की ओर।जैसे ही नैन खुले,चाहिए खिलौने।और एक चमकता भोर। पाने की तलाश।जिसकी बुझे ना प्यास।ये कुछ पाना ही बंधन है ।पर जो मिल रहामन कैसे कह देसब धोखा है, उलझन है। ये जो घोंसला तिनकों कामेरी आंखो के सामने।जिसमें आराम है सुरक्षा है।ठंड में गरमऔर गर्म … Read more

क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI

हमारे देश में घर-घर में क्रिकेट मैच देखा जाता है क्रिकेट मैच के दौरान टीवी देखते वक्त घर का माहौल खास हो जाता है। पति पत्नि का नोक झोंक और क्रिकेट का वर्णन करती हुई मनीभाई का यह कविता जरूर पढ़िए। क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI क्रिकेट का खेल है, रोमांच से … Read more

शाला और शिक्षक को समर्पित कविता

डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। “शिक्षक दिवस मनाने का यही उद्देश्य है कि कृतज्ञ राष्ट्र अपने शिक्षक राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के प्रति अपनी असीम श्रद्धा … Read more

ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो

ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो गीतकार: मनीभाई नवरत्न बैंइला के सींग म, बैईला के खूर म तेल लगाबो । फेर वोला नवा झालर ओढ़ाबो ।ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो। भोला के बैइला के बंदन करले ।जाता म चूल्हा म चंदन रंग ले ।ओमा ठेठरी खुरमी के भोग लगा ले । चलव … Read more