Tag manibhai navratna ki kavita in hindi

मनीभाई नवरत्न

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मनीभाई नवरत्न के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा होता है मन मेंजागता है प्रायश्चित भाव। वैसे सब चाहते…

हाय यह क्या हो गया?- मनीभाई नवरत्न

हाय यह क्या हो गया? हाय यह क्या हो गया?महाभारत हो गया ।हुआ कैसे?एकमात्र दुर्योधन से!किसका बेटा ?अंधे धृतराष्ट्र का!पट्टी लगाई आंखों मेंपतिव्रता गांधारी का।शायद कम गई दृष्टि इनकी,उद्दंडता जो दुर्योधन ने की । असल कसूरवार कौन?जिसने दुर्योधन को गढ़ा।जीवन…

ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा

ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा ये जानता नहीं अपनी मंजिल,  लक्ष्य के लिए कैसे सीढ़ी बनायेगा ?मूर्ख बनाने में शातिर महाप्रभु, ये तो बस मूर्खों की पीढ़ी बनायेगा ।। इसे स्वयं को जो भी अच्छा लगे, उसे सत्य…

बेखुदी की जिंदगी- मनीभाई नवरत्न

बेखुदी की जिंदगी… बेखुदी की जिंदगी हम जिया करते हैं। शायद इसलिए हम पिया करते हैं । रही सही उम्मीदें तुझ पर अब जाती रही।ना समझ बन गए हैं कोई सोच आती नहीं ।मिली तुझसे जख्मों को हम सीया करते…

मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं- मनीभाई नवरत्न

मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं।तुमसे हुए हर मुलाकातें सताते हैं ।क्यों उस दिन अनजान रहा ,तेरे चाहत का ना भान रहा ।अब जब पता है तू ही लापता है , कैसे…

हे दीन दयालु हे दीनानाथ- मनीभाई नवरत्न

हे दीन दयालु हे दीनानाथहे दीन दयालु, हे दीनानाथ !दीन की रक्षा करलें मांगे वरदान। हे कृपालु ,हे भोलेनाथ! हे कृपालु , हे भोलेनाथ!हीन की रक्षा कर ले मांगे वरदान । ऊंची चोटी पर तेरा वास है ।हर तरफ शांति,…

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है ।जैसे तेरी पहचान वैसे मेरी पहचान है। जो तू सोचता है वह मेरी सोच है ।जो तू खोजता है वह मेरी खोज है।इस बात…

मनीभाई के पिरामिड रचना

मनीभाई के पिरामिड रचना ★कलम,कागज,कलमकार★मैंएकअबूझतुकबंदीकलमकारहोता ज्यों व्यथितदेता उसे आकारहै मेरे सहचरकलम कागजमुखर नहींमुझ जैसानिशब्ददोनोंही। मनीभाई”नवरत्न” मनीभाई के पिरामिड रचना ★मरणासन्न★ येमेरीकौन सीहै अवस्थाजहाँ से अबदिखता है सचहोने लगा पवित्रकैसी भुलभुलैयाअब चला पतामरणासन्नहकीकतजिन्दगीदिखादी। “मनीभाई”नवरत्न” मनीभाई के पिरामिड रचना ★रिश्ते नातों का…

मन की आंखें

मन की आंखें पात्र परिचय :-रागिनी –  एक कामकाजी लड़की।राजन-    अंधा व्यक्ति ।राहुल –   रागिनी की सहकर्मी । (रागिनी अपनी ऑफिस की ओर जा रही थी। रास्ते में एक अंधा आदमी सड़क किनारे खड़ा हुआ सड़क पार करने की कोशिश…

आ सनम आ मेरे दिल में तू आ

आ सनम आ मेरे दिल में तू आ आ सनम आ ,मेरे दिल में तू आ।आ सनम आ मेरे दिल को चुराके जा । जाने जा मैंने तुम्हें प्यार किया ।रात दिन तुझे याद किया ।अब तो मुझसे रूठ के…