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यहाँ पर कवयित्री नेहा चाचरा बहल ‘चाहत’ के कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

सूनापन पर गीत

सूनापन पर गीत आजाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैन जाओ न तुम बिन सूना सूना लगता हैजिसकी डाली पे हम दोनों झूला करते थेवो झूला वो बरगद सूना सूना लगता हैदिन में तुम्हारा साथ रात में ख़्वाब होते…

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो

क्यूँ झूठा प्यार दिखाते हो क्यूँ  झूठा  प्यार  दिखाते  हो ….दिल  रह  रह  कर  तड़पाते  हो .. गैरों  से  हंसकर  मिलते  होबस  हम  से  ही  इतराते  हो घायल  करते  हो  जलवों  से …नज़रों  के  तीर  चलाते  हो … जब  प्यार …

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ…

प्रेमिका के लिए कविता – नेहा चाचरा बहल

प्रेमिका के लिए कविता – न जाने क्यों आज तुम्हे देखने का बड़ा मन हैलिख कर जज़्बात खत में तुम्हे भेजने का बड़ा मन है हाथों में हाथ डाले हम तुम भी घूमते थे फ़ुरसत के उन पलों को ढूंढने…

हसरतों को गले से लगाते रहे

हसरतों को गले से लगाते रहे हसरतों को गले से लगाते रहे,थोड़ा थोड़ा सही पास आते रहे..आप की बेबसी का पता है हमें,चुप रहे पर बहुत ज़ख़्म खाते रहे..इस ज़माने का दस्तूर सदियों से है,बेवजह लोग ऊँगली उठाते रहे..मेरी दीवानगी…