मनीभाई नवरत्न के गीत

manibhai Navratna

मनीभाई नवरत्न के गीत ओ मतवाले अपनी जिंदगी को मौत से मिला ले ।ओ मतवाले ओ दिलवाले।खुद को कर दे देश के हवाले ।ओ मतवाले ओ दिल वाले ।। ये मिट्टी हमारी जन्नत है ।ये मिट्टी हमारी दौलत है ।ये खुशहाल रहे, ये मालामाल रहेयही हमारी मन्नत है । इस मिट्टी पर हम अपना शीश … Read more

जलियांवाला बाग की याद में कविता

mahapurush

जलियांवाला बाग की याद में कविता जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को सलाम।अमर कुर्बानी का पावन अमृतसर शुभ धाम।।तड़ातड़ चली थी निहत्थों पर अनगिनत गोलियां।कसूर था बस बोल रहे थे इंकलाब की बोलियाँ।।जनरल डायर की बर्बरता की चली थी अंधाधुंध गोलियां।महिलाओं बच्चों पर खेली गई खून की होलियां।।निर्दयी जनरल डायर को तनिक भी दया नहीं … Read more

शृंगार छंद विधान

mera bharat mahan

शृंगार छंद विधान श्रेष्ठ हो मेरा हिन्दुस्तान आरती चाह रही है मात।भारती अंक मोद विज्ञात।सैनिको करो प्रतिज्ञा आज।शस्त्र लो संग युद्ध के साज। विश्व मानवता हित में कर्म।सत्य है यही हमारा धर्म।आज आतंक मिटाना मीत।विश्व की सबसे भारी जीत। पाक को पाठ पढाओ वीर।धारणा में बस रखना धीर।भावना देश हितैषी पाल।कूदना बन दुश्मन का काल। … Read more

स्वदेशी पर कविता

mera bharat mahan

स्वदेशी पर कविता इंग्लिस्तानी छोड़ सभ्यता,अपनाओ देशीहिंदुस्तानी रहन-सहन हो,छोड़ो परदेशी। वही खून फिर से दौड़े जो,भगतसिंह में था,नहीं देश से बढ़कर दूजा, भाव हृदय में था,प्रबल भावना देशभक्ति की,नेताजी जैसी,इंग्लिस्तानी छोड़ सभ्यता,अपनाओ देशीहिंदुस्तानी रहन-सहन हो,छोड़ो परदेशी। वही रूप सौंदर्य वही हो,सोच वही जागे,प्राणों से प्यारी भारत की,धरती ही लागे,रानी लक्ष्मी रानी दुर्गा सुंदर थी कैसी,इंग्लिस्तानी … Read more

देशप्रेम पर कविता-कन्हैया साहू अमित

mera bharat mahan

देशप्रेम पर कविता देशप्रेम रग-रग बहे, भारत की जयकार कर। रहो जहाँ में भी कहीं, देशभक्ति व्यवहार कर। मातृभूमि मिट्टी नहीं, जन्मभूमि गृहग्राम यह।स्वर्ग लोक से भी बड़ा, परम पुनित निजधाम यह।जन्म लिया सौभाग्य से, अंतिम तन संस्कार कर।-1रहो जहाँ में भी कहीं, देशभक्ति व्यवहार कर। वीरभूमि पैदा हुआ, निर्भयता पहचान है। धरती निजहित त्याग … Read more