विवाह-एक पवित्र बंधन

विवाह-एक पवित्र बंधन विवाह एक संस्कृति व संस्कार है।विवाह बंधनों का मधुर व्यवहार है।दो पवित्र आत्माओं का होता मिलन।लुटाएँ एक दूजे पर असीम प्यार है।1।सात जन्मों का है ये प्यारा बंधन।वंश बेला बढ़ाने का नाम है जीवन।केवल बंधन नहीं विवाह स्त्री पुरुष का।दो पवित्र आत्माओं का है मधुर मिलन।2।सुख दुख बाँटने का रास्ता है विवाह।जीवन … Read more

घर का संस्कार है बेटी

घर का संस्कार है बेटी घर आँगन की शान,अभिमान है होती।माँ बाप की जान पहचान होती है बेटी।अक्सर शादी के बाद पराए हो जाते हैं बेटे।दो कुलों की मान-सम्मान होती है बेटी।1।माँ के रूप में ममता की मूरत है बेटी।पत्नी के रूप में फर्ज की सूरत है बेटी।पीहर व ससुराल के बीच सामंजस्य बिठाये।दया,त्याग,प्रेम की … Read more

युवाओं के प्रेरणास्रोत- स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद

युवाओं के प्रेरणास्रोत दिव्य सोच साधना से अपनी,पावन ज्ञान का दीप जलाया।सोए लोगों की आत्मा को,स्वामी जी ने पहली बार जगाया।भगवा हिंदुत्व का संदेश सुनाकर,भारत को विश्वगुरु बनाया।तंद्रा में सोई दुनिया के लोगों को,विश्वश्रेष्ठ विवेकपुंज ने जगाया। 11 सितंबर1893 को शिकागो में हिंदुत्व का ध्वज फहराया।संभव की सीमा से परे,असंभव को भी कर दिखलाया।समता,ममता से … Read more

भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन

भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन कार्तिक मास शुक्ल सप्तमी को हुआ सहस्त्रबाहु का अवतरण।राजराजेश्वर,कार्तवीर्य,सहस्त्रार्जुन नाम,दशानन आया शरण।महाराज हैहय की दसवीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के थे संतान।सुदशेन,चक्रावतार,सप्तद्रवीपाधि,दशग्रीविजयी थे कृतवीर्यनन्दन।1।चंद्रवंशी महाराजा कृतवीर्य के थे परमवीर चक्रवर्ती एकमात्र संतान।दत्तात्रेय से हजार हाथ का वरदान ले मिला सहस्त्रबाहु अर्जुन नाम।विष्णु के 24वें अवतार,है भागवतकथा में इनका वर्णन।लंकापति रावण को हराया,मिला … Read more

धनतेरस पर कविता

धनतेरस पर कविता अमृत कलश के धारक,सागर मंथन से निकले।सुख समृद्धि स्वास्थ्य के,देव आर्युवेद के विरले।चार भुजा शंख चक्र,औषध अमृत कलश धारी।विष्णु के अवतार हैं देव,करें कमल पर सवारी।आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि,हैं आरोग्य के देवता।कार्तिक त्रयोदशी जन्म हुआ,कृपा करें धनदेवता।पीतल कलश शुभ संकेत,देते हैं यश वैभव भंडार।आर्युवेद की औषध खोज,किया जगत का उद्धार।धनतेरस को यम … Read more