नवधा भक्ति नौ दिन ले
नव दिन बर नवरात्रि आये,
सजे माँ के दरबार हे !
जगजननी जगदम्बा दाई के,
महिमा अपरंपार हे !!
एक नहीं पूरा नौ दिन ले
दाई के सेवा करबो !
नवधा भक्ति नौ दिन ले,
अपन जिनगी म धरबो!
अंधियारी जिनगी चक हो जाही,
खुशियाँ आही अपार हे !
ऊँच – नीच जाती – धरम के ,
भितिया ल गिराबो!
मया प्रीत के गारा म संगी
घर कुरिया बनाबो !!
गरीब गुरुवा असहाय बर,
सबो दिन इतवार हे !
दूजराम साहू “अनन्य “