श्री राम ! जय राम ! जय जय राम !
अधर जपें यह आठो याम
1
दुःख में पास न आने वाले
सुख में साथ निभाने वाले
ऐसे हैं प्रभु ये जग वाले
एक सहारा तेरो नाम
अधर जपें यह आठो याम
श्री राम जय राम जय जय राम
2
मन का सुख है तेरे भजन में
काया कंचन तव सुमिरन में
शांति सुधा तव नाम श्रवण में
हाथ जोड़ करूँ तुझे प्रणाम
अधर जपें यह आठो याम
श्री राम जय राम जय जय राम
3
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रिश्ता निभाना तुमने सिखाया
संबंधों का मान बताया
वन में निवासानंद दिखाया
आओ करो उर में विश्राम
अधर जपें यह आठो याम
श्री राम जय राम जय जय राम
4
दुष्टों का संहार ज़रूरी
भय पर सतत प्रहार ज़रूरी
विनय सही, नहीं हार ज़रूरी
क्रोध प्रदर्शन भी अभिराम
अधर जपें यह आठो याम
श्री राम जय राम जय जय राम
5
रामचरित मानस में तुम हो
रामायण के रस में तुम हो
भारत की नस नस में तुम हो
क्यों न करें सब तुम्हें प्रणाम
अधर जपें यह आठो याम
श्री राम जय राम जय जय राम
रमेश