मैं हूँ मीरा बावरी – केवरा यदु “मीरा “

मैं हूँ “मीरा बावरी”- केवरा यदु “मीरा “

मन का मंथन – रामनाथ साहू ” ननकी “

मन का मंथन मंथन मानस का करो , जानो सत्य असत्य ।कहाँ गुमी हैं मंजिलें , बूझ दिशा क्या गत्य ।।बूझ दिशा क्या गत्य , लक्ष्य से कब है छूटा ।भटका अपने मूल , स्वार्थ में किसको लूटा ।।कह ननकी कवि तुच्छ , आत्म का कर अभिनंदन ।निकले सब अपद्रव्य , सफल हो मानस मंथन … Read more

शंकर छंद विधान : शिव महिमा -रमेश शर्मा

शिव महिमा (शंकर छंद विधान) : 26 मात्रा 16,10पर यति पदान्त गुरु लघु प्रति दो चरण तुकांत।प्रस्तुत कविता शंकर छंद विधान पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

धनतेरस पर कविता

धनतेरस पर कविता अमृत कलश के धारक,सागर मंथन से निकले।सुख समृद्धि स्वास्थ्य के,देव आर्युवेद के विरले।चार भुजा शंख चक्र,औषध अमृत कलश धारी।विष्णु के अवतार हैं देव,करें कमल पर सवारी।आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि,हैं आरोग्य के देवता।कार्तिक त्रयोदशी जन्म हुआ,कृपा करें धनदेवता।पीतल कलश शुभ संकेत,देते हैं यश वैभव भंडार।आर्युवेद की औषध खोज,किया जगत का उद्धार।धनतेरस को यम … Read more