Month: October 2021
क्या भला रह जायेगा
इस ग़ज़ल के माध्यम से संसार की भंगुरता और अस्थिरता की बात की जा रही है।अपने कर्तव्ययों का निष्ठापूर्वक निर्वहण करके गीता के आप्त वचनों को अंगीकार करने एवं सवेदनशील रहने की बात की गई है।
उठो जगो बंधु-जागरण कविता
यह मेरी मौलिक जागरण कविता है,जो उपेन्द्रवज्रा छंद में है।जब कभी मन जीवन के उद्देश्य से भटककर नैराश्य और अंधकार की ओर प्रवृत होने लगता है,तब यह कविता नई ऊर्जा और नया उद्देश्य देती है।
राक्षस दहन पर कविता
समाज में रहने वाले राक्षस का दहन करें
सुई धागा -माला पहल
सुई- धागा द्वारा संदेश- जीवन में साथ का महत्व