संविधान का मान तिरंगा है

संविधान का मान तिरंगा है तीन रंग से बना हुआ ये संविधान का मान तिरंगा है। पूरे जग में सबसे न्यारा आन बान अरु शान तिरंगा है।। जाति पांति के भेद मिटाता ये हम सबकी करता रखवाली। तीन रंग इसके अंदर है लहराता ये तब बजती ताली।। लोकतंत्र का है प्रतीक ये न्याय दिलाता जान … Read more

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे पास में सबने लिया मुझसे झपट रिश्तों की जमा … Read more

सेनानी बन जाएं हम

चलो गुलामी आज़ादी का, मिलकर खेल बनाएं हम। तुम व्यापारी अंग्रेज बनो, और सेनानी बन जाएं हम।। तुम हम पर कर लगाओ, तो तड़प तड़प जाएं हम। भूख प्यास बर्दाश्त ना हो, और सेनानी बन जाएं हम।। सत्ताधारी भ्रष्टाचारियों के, जंजाल में फंस जाएं हम। नासूर लाइलाज बनो तुम, और सेनानी बन जाएं हम।। बेरोज़गारी … Read more

बसंत पंचमी पर गीत – सुशी सक्सेना

मेरे मन का बसंत बसंत ऋतु का, यहां हर कोई दिवाना है।क्या करें कि ये मौसम ही बड़ा सुहाना है।हर जुबां पर होती है, बसंत ऋतु की कहानी।सुबह भी खिली खिली, शाम भी लगती दिवानी। चिड़ियों ने चहक कर, सबको बता दिया।बसंत ऋतु के आगमन का पता सुना दिया।पतझड़ बीत गया, बन गया बसंती बादल।पीली … Read more

देश भक्ति गीत – सुशी सक्सेना

इश्क ऐ वतन इश्क ओ उल्फत कुछ हमें भी है इस वतन से।कुछ कर गुजेरेंगे, इक रोज़ हम भी तन मन से। गुलशन अपने वतन का जार जार न होने देंगे।इसकी किसी भी कली को बेजार न होने देंगे। अमर शहीदों की अमानत को संभाल कर रखेंगे।प्यारे वतन को हर मुश्किल से निकाल कर रखेंगे। … Read more