कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष

सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष बचपनबीत गयाआई है जवानीउम्मीदें बढ़ीसबकी. चलोउम्मीदों केपंख लगा करछू लेंआसमाँ. आँखेंभीगी आजयादों में तेरीखो गयेसपने. सपनेखो गयेइन आँखों केबिखर गईआशायें.   मधुमिता घोष “प्रिणा” Post Views: 70

चल मेरे भाई – वन्दना शर्मा

चल मेरे भाई – वन्दना शर्मा चलो आज गुजार लेते हैं कुछ खुशी के लमहे,बन जाते हैं एक बार फिरसिर्फ इंसान,और चलते हैं वहाँउसी मैदान में जहाँ,राम और रहीम एक साथ खेलते हैं।चढ़ाते हैं उस माटी का एक ही रंगचलते…

आईना पर कविता – कुमुद श्रीवास्तव वर्मा

आईना पर कविता – कुमुद श्रीवास्तव वर्मा हमको, हमीं से मिलाता है आईना. इस दिल के जज्बात बताता है आईना. हुआ किसी पे फिदा ,ये बताता है आईना. संवरनें की चाह जगाता है आईना. उम्र के तजुर्बों को बताता है…

शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन

हाइकु

शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन          सिंदुरी भोर      धरा के मांग  सजी        लागे दुल्हन         नव रूपसी      दुब मखमली  सी        छवि न्यारी  सी          कोहरा छाया     एक पक्ष वक्त  का      दुखों  का साया        …

रुक्मणि मंगल दोहे / पुष्पा शर्मा “कुसुम”

doha sangrah

रुक्मणि मंगल दोहे / पुष्पा शर्मा “कुसुम” विप्र पठायो द्वारिका,पाती देने काज।अरज सुनो श्री सांवरे,यदुकुल के सरताज।। रुक्मणि ने पाती लिखी,सुनिये  श्याम मुकुंद।मो मन मधुप लुभाइयो,चरण- कमल मकरंद।। सजी बारात विविध विधि,आय गयो शिशुपाल।सिंह भाग सियार कहीं,ले जावे यहि काल।।   …