प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा विज्ञ
प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा लिखे प्रेम के गीत सुहाने।रीति सनातन मीत निभाने।।‘विज्ञ’ बने मन मीत हमारे।प्रीति निभे सद्भभाव विचारे।।१ कर मात्रा का ज्ञान रचें कवि।‘विज्ञ’ सृजन करते देखे रवि।।हो स्थायी लय तान सुहानी।सम तुकांत लेते कवि ज्ञानी।। २…