स्वास्थ्य पर सजगता – विनोद सिल्ला

स्वास्थ्य पर सजगता सेहत सुविधा कम हुई, बढ़े बहुत से रोग| दाम दवाओं के बढ़े, तड़प रहे हैं लोग|| अस्पताल के द्वार पर, बड़ी लगी है भीड़|रोग परीक्षण हो रहे, सब की अपनी पीड़|| ऊंचे भवन बना लिए, पैसा किया निवेश|दूर हुआ जब प्रकृति से, पनपे सभी कलेश|| खान-पान बदले सभी, फास्ट-फूड परवान|रोगों की भरमार … Read more

चुगली रस – विनोद सिल्ला

चुगली रस मीठा चुगली रस लगे, सुनते देकर ध्यान। छूट बात जाए नहीं, फैला लेते कान।। चुगलखोर सबसे बुरा, कर दे आटोपाट।नारद से आगे निकल, सबकी करता काट।। चुगली सबको मोहती, नर हो चाहे नार।चुगली के फल तीन हैं, फूट द्वेष तकरार।। चुगली निंदा जो करें, सही नहीं वो लोग।चुगल पतन की ओर है, पड़े … Read more

पावस पर कविता – नीरामणी श्रीवास नियति

पावस पर कविता पावस ऋतु अब आ गई , घिरी घटा घनघोर ।चमचम चमके दामिनी , बादल करते शोर ।।बादल करते शोर , भरे नदिया अरु नाला ।चले कृषक खलिहान , लगा कर घर में ताला ।नियति कहे कर जोड़ , दिखे ज्यों रात्रि अमावस ।अँधियारा चहुँ ओर , घटा छाये जब पावस ।। पावन … Read more

तुम ही तुम हो – माधुरी डड़सेना मुदिता

तुम ही तुम हो भावना में बसे हो कामना में तुम्हीं हो ।जिंदगी बन गये हो साधना में तुम्हीं हो ।। वादियाँ खूबसूरत हर नजारा हंसी है ईश की बंदगी में प्रार्थना में तुम्हीं हो । हर गजल में भरे हो गीत की बंदिशों मेंशक्ल आता नजर है आइना में तुम्हीं हो । इक तुम्हीं … Read more

अनजान लोग – नरेंद्र कुमार कुलमित्र

अनजान लोग कितने अच्छे होते हैं अनजान लोगउनको हमसे कोई अपेक्षा नहीं होतीहमें भी उनसे कोई अपेक्षा नहीं होती हम गलत करते हैंकि अनजानों से हमेशा डरे डरे रहते हैंहर बार अनजान लोग गलत नहीं होतेफिर भी प्रायः अनजानो से दया करने में कतराते हैं हमारे दिल दुखाने वाले प्रायः जान पहचान के होते हैंहमें … Read more