आज बेटी किसी की बहू

आज बेटी किसी की बहू गीत – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट दर्द को जो समझते नहीं हैं कभी, बेटियों से किसी की करें हाय छल।क्यों बहू को यहाँ नौकरानी समझ, जुल्म ढाने लगे लोग हैं आजकल।। आज बेटी किसी की बने…
आज बेटी किसी की बहू गीत – उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट दर्द को जो समझते नहीं हैं कभी, बेटियों से किसी की करें हाय छल।क्यों बहू को यहाँ नौकरानी समझ, जुल्म ढाने लगे लोग हैं आजकल।। आज बेटी किसी की बने…
यहाँ माँ पर कविता हिंदी में लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ मुझको गर्भ…
विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक पृथ्वी हमें पैदा करती है।भूख उदर की भी हरती है।।जो कुछ भी उत्पन्न हुआ है।सब इसकी ही रही दुआ है।। गोदी में हम सब खेले हैं।खुशियों के लगते मेले हैं।।जल जंगल पर्वत मालाएँ।गीत…
महान जननायक / अकिल खान 14 अप्रैल सन1891में जन्म लिए,जननायक.नाम था भीमराव,कर्म से कह लाए महानायक।बचपन में,विद्यालय के बाहर अर्जित किए ज्ञान, मजलूमो का जब विलुप्त हो चुका था,पहचान। बालपन से मन में यह महान कार्य,ठान लिए,समाज सुधार कार्य को,अपने…
श्रीरामनवमी पर कविता: चैत्र मास के शुल्क पक्ष की नवमी तिथि के दिन ही सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने धरती पर श्री राम के रूप में जन्म लिया था। राम लला के जन्म की पवित्र बेला को ही राम…