रावण दहन करो

रावण दहन करो भीतर के रावण का दमन करो,फिर तुम रावण का दहन करो।पहले राम राज्य का गठन करोफिर तुम रावण का दहन करो। चला लेना तुम बाण को बेशक़,जला देना निष्प्राण को बेशक़।बचा लेना तू विधान को बेशक़,पहले राम का अनुशरण करो।फिर तुम….. पहले राम बनकर दिखलाओ,सबको तुम इंसाफ़ दिलवाओ।पुरुषों में तुम उत्तम कहलाओ,राम … Read more

दर्द के जज़्बात

दर्द के जज़्बात अवाम दिखाती दर्द के जज़्बात, पर हुकूमत क्या समझे ? कही अनकही बात, लोगों का पैसा तो नहीं खैरात! आखिर इन गै़रकानूनी से कब मिलेगी निजात? ग़ुरूर करवा देगीएक दिन इंकलाब से मुलाक़ात, जब करे हुकूमत ही जारी करेगीमनचाहे मनचले फरमान। आम आदमी काना हो नुकसान। ग़लत फैसलों से ना करे परेशान,हुक्मरान न लें सब्र का इम्तिहान ।। -राजशेखरकविता बहार से जुड़ने … Read more

ग़ज़ल – रात भर बैठ कर

ग़ज़ल – रात भर बैठ कर घात काटी गई रात भर बैठ कर ।याद काटी गई रात भर बैठ कर ।। इश्क पर बंदिशें साल दर साल की। म्यांद काटी गई रात भर बैठ कर ।। हिज्र की रात में, आपकी याद में। रात काटी गई रात भर बैठ कर ।। बोलना था हमें बोलना था तुम्हें। बात … Read more

तुम नहीं होती तब – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

तुम नहीं होती तब चादर के सलवटों मेंबेतरतीब बिखरे कपड़ों मेंउलटे पड़े जूतों मेंकेले और मूंगफली के छिलकों मेंलिखे,अधलिखे और अलिखे मुड़े-तुड़े कागज़ के टुकडों में खुद बिखरा-बिखरा-सा पड़ा होता हूँ मेरे सिरहाने के इर्द-गिर्दएक के बाद एक डायरी,दैनिक अख़बारों,पत्रिकाओं,कविताओं, गजलोंऔर कहानियों की कई पुस्तकेंइकट्ठी हो होकरढेर बन जाती हैं अनगिनत भाव और विचारएक साथ उपजते रहते हैंचिंतन की … Read more

दशहरा पर कविता-शैलेन्द्र कुमार चेलक

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का पर्व है, जो शक्ति और साहस प्रदान करती है। यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल … Read more