प्रदुषण से बचाना होगा
महकती धरा को प्रदुषण से बचाना होगा
इस नवरात्रि में एक मुहीम चलाना होगा,
महकती धरा को प्रदुषण से बचाना होगा!
भिन्न- भिन्न धर्म यहाँ, भिन्न- भिन्न मज़हब है,
भिन्न- भिन्न प्रदुषण से इसे बचाना होगा!
सघनता आबादी है, उत्सव की वातावरण ,
ध्वनि की अधिकता से इसे बचाना होगा!
धार्मिकता की धून में गूंजा है वातावरण,
पानी पाउच झिल्लियों से इसे बचाना होगा !
सतह गिरता भू-जल का महत्व सब जाने,
विरंजक रंजकों से जल बचाना होगा!
कृषिप्रधान देश है अर्थ व्यवस्था की जान,
कीटनाशक दवाईयों से धरा बचाना होगा!
सुख-शांति अमन हो बिखरे भाईचारा,
बोतल की नशा से परिवार बचाना होगा!
सोने की चिड़िया की चमक धुमिल न हो,
शुद्ध जल वायु के लिए एक पेड़ लगाना होगा!
भयवाह समस्या है, अब समझ जा ईंसान,
कोई देव दूत न आयेगा खूद को जगाना होगा !
दूजराम साहू “दास “
निवास -भरदाकला
तहसील- खैरागढ़
जिला -राजनांदगांव (छ.ग.)
8085334535
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद