आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी

atal bihari bajpei

“अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता ‘आज सिंधु में ज्वार उठा है’ में राष्ट्रीयता, साहस और भारतीय संस्कृति की महत्ता को दर्शाया गया है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने देश की अखंडता और गरिमा के लिए सदा तत्पर रहें। पढ़ें और जानें इस अद्भुत रचना के गूढ़ अर्थ।” आज सिंधु में … Read more

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे नारी बिना ना मर्द हैंमर्द का एक दर्द है।एक अनजाने कन्या लाकरपालने पोसने का कर्ज है। सिर झुका विनती नार कोहाथ जोड़ अर्ज है।जन्म दाता माता पिता का जिंदगी भरे कर्ज है। मर्द का एक दर्द है।। पाप कर्म किया है मर्दबच्चन पालना फर्ज है माता पिता … Read more

चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे

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चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे चेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है मुस्कुराहटेंवो नजरें हैं दूर और कहीं ! इतने सीधे-सादे लगते हैंजो मुखौटा लगाए बैठे हैं,ये निर्बलों व असहायों केजज़्बातों के गला ऐठें हैं ! मासूम चेहरा,इरादे खिन्नभीतर राज छुपा रखते हैं,जब भी मौका मिले इन्हें गरल वमन … Read more

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे

गणेश वंदना

गणेश वंदना / डॉ विजय कुमार कन्नौजे मै हव अड़हा निच्चट नदानदया करबे ग गणेश भगवानगौरी गौरा आथे सुरतातुंहर संग नंदी मेहरबान। मुसुवा सवारी लड्डू खवइयामुल बाधा तै दुख दुर करइयातोर घर परिवार आथे सुरतादया करबे ज्ञान देवइया।। कवि विजय के बिनती मानबेरिद्धि सिद्धि तै संग मा लानबेमोर अंगना बढा़दे शोभाकारज घलो मोर सुधारदे।। जय … Read more

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी

Jai Sri Ram kavitabahar

रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी रामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे हैं सबकेरंगोलियाँ लगी दमकने हो गए हैं सबके वारे-न्यारे जन्मों के सोये भाग लगे मुस्काने। अभागे चीखते रहेये बनाओ,वो बनाओ-बनेगा वही जो‘होइहैं वही जो राम रुचि राखा’,जगमग हैं घर-घरौंदेंसजधज लौटी है दीवालीआनंद मगन नाच रहे हैं … Read more