नव वर्ष पर कविता

नव वर्ष आ गया नववर्ष,क्या संदेह,क्या संभावना है?शेष कुछ सुकुमार सपने,और भूखी भावना है। हैं विगत के घाव कुछ,जो और गहरे हो रहे हैं,बात चिकनी और चुपड़ी,सभ्यता या यातना है! ओढ़कर बाजार को,घर घुट रहा है लुट रहा है,ग्लानि की अनुभूति दे जाती कटुक,शुभकामना है। नींद उनको फूल की शैय्या मेंं भी आती नहीं है,किन्तु … Read more

नया साल का स्वागत – विजय कन्नौज

नया साल का स्वागत – विजय कन्नौज आही आही कुछ देके जाहीनया साल कुछ ले के आही।।जय गंगान नवा पुराना मा काहे भेद।अपन करनी अपन मा देखऊपर निंधा तरी छेद,जय गंगान जइसन करनी तइसन भेद।कहे कवि विजय के लेखकुछ करनी कुछ हे भेषजय गंगानसुख सुख ल भोगहू मितानदुख मां झन देहू ध्याननिज करनी अपन देखजय … Read more

शिक्षक का आशीर्वाद

शिक्षक का आशीर्वाद अमूर्त को मूर्त रूप देकर,जग को दिखलाया है,शिक्षक,समाज में ज्ञान का महत्व को बताया है।शिक्षक,शिक्षा से अज्ञानी को ज्ञानी है बनायाशिक्षक,संसार मे सभी लोगों को है अपनाया।बेशक,गुरू – कृपा से शिष्य हुए हैं आबाद,जीवन में अनमोल है,शिक्षक का आशीर्वाद। असहायों का ज्ञान से रोशन होता है जमीर,ज्ञान अर्जित सभी करते हैं,गरीब हो … Read more

हिन्दी की पुकार पर कविता

हिन्दी की पुकार पर कविता हिन्दी हिन्द की शान है,हिन्दी हिन्द की जान है,हिन्दी हिन्द की वरदान है,हिंदी पर अभिमान है।उमंगों के तरंग में,हिंदी है भावनाओं का समंदर,एकता का प्रतीक है ये,भर लो हृदय के अंदर। हिन्दी है सबसे प्यारी भाषा,करो सभी स्वीकार, हिन्द का करो उद्धार यही है,हिन्दी की पुकार। हिंदी की आजादी के … Read more

हिन्दुस्तान की कहानी पर कविता

हिन्दुस्तान की कहानी पर कविता बहुत ही प्यारा “सोन चिड़िया” था मेरा नाम,धर्मनिरपेक्षता,अतिथि देवो भवःथा मेरा काम।संपूर्ण संसार में था एक अलग ही पहचान,हिन्द की संस्कृति का सभी करते थे बखान।भारत की महिमा सभी ने थी,पहचानी,लेखक की जुबानी,हिन्दुस्तान की कहानी। लालच और द्वेश ने देश का सर्वनाश किया,विदेशियों ने आकर इस धरा पर राज किया।रंगभेद-छुआछूत … Read more