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Author

Rakesh Saxena
बेटी पर कविता – फूल बागान
बेटी-फूल बागान कविता मेरे लिखे नाटक (भ्रूण-हत्या) का टाईटल गीत है, ये रचना मैंने उन लोगों के लिए लिखी है जो बेटी को बोझ समझते हैं और भ्रूणहत्या कर देते हैं।
नारी तू ही शक्ति है
महिलाओं के प्रति बुरी नीयत रखने वालों के लिए
स्वयं महिला को कमर कसनी होगी।
ये जीवन डर के नहीं, डट कर जीना होगा।
क्योंकि
"नारी तू ही शक्ति है"
जाने तुम कहां गए
जाने तुम कहां गए - मेरी रचनाअरमानों से सींच बगिया,जाने तुम कहां गए।अंगुली पकड़ चलना सीखाकर,जाने तुम कहां गए।।सच्चाई के पथ हमको चलाकर,जाने तुम कहां!-->!-->!-->!-->!-->…
नारी तू ही “शक्ति” है (महिला जागृति)
नारी तू ही "शक्ति" हैनारी तू कमजोर नहीं, तुझमें अलोकिक शक्ति है,भूमण्डल पर तुमसे ही, जीवों की होती उत्पत्ति है।प्रकृति की अनमोल मूरत, तू देवी जैसी लगती!-->!-->!-->…
बेटी – फूल बागान
महिला जागृति पर रचनाबेटी - फूल बागानगांव, शहर में मारी जाती, बेटी मां की कोख की,बेटी मां की कोख की, बेटी मां की कोख की।।जूही बेटी, चंपा बेटी,!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
भटके हुए रंगों की होली
भटके हुए रंगों की होलीआज होली जल रही है मानवता के ढेर में।जनमानस भी भड़क रहा नासमझी के फेर में,हरे लाल पीले की अनजानी सी दौड़ है।देश के प्यारे रंगों में न!-->!-->!-->…