बाल कविता -रंग बिरंगी तितली रानी

रंग बिरंगी तितली रानी
आई हमरे द्वार
मधुलिका ने उसको देखा,
उमड़ पड़ा था प्यार!
गोंदा के कुछ फूल बिछाकर,
स्वागत किया सुहाना,
तितली रानी, तितली रानी!
मधुर कंठ से गाना!
तेरा मेरा नाता तो है,
बरसों कई पुराना!
आई हो अभ्यागत बनकर,
अभी नहीं तुम जाना,
शहद और गुलकंद रखा है,
बड़े मज़े से ख़ाना!
घर में तुम्हें खोजते होंगे,
जाकर, कल फ़िर आना!

स्वरचित एवम् मौलिक
पद्म मुख पंडा ग्राम महा पल्ली जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़


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