अवि के हाइकु
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा
अवि के हाइकु जीवन पथप्रेम और संघर्षदुलारा बेटा मनमोहनबलिहारि जाँऊ मैंतेरी मुस्कान मां हूँ मैंलड़ूंगी भूख से मैंये अग्निपथ समर्पित हैतुझ पे ये जीवनराज दुलारा ©अविअविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा
किसान पर हाइकु मेघ बरसेअनचाही बारिशटूटती आस खड़ी फसलहो रही है बर्बादरोता किसान खेत हैं सूखेभूख कौन मिटायेंबंजर धरा। रस्सी के फंदेशाहकारों का कर्जलम्बी गर्दन। कर्ज से मुक्तिशासन से राहतकृषक हंसा। अविनाश तिवारी
राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी 1 मोक्ष ढूंढने चला – चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती ।। 4 राख बैठे हैं भूखे – प्यासे बेचारेशमशान गाँव ।। 5 राख तौलते सब … Read more
शीत ऋतु पर हाइकु – धनेश्वरी देवांगन सिंदुरी भोर धरा के मांग सजी लागे दुल्हन नव रूपसी दुब मखमली सी छवि न्यारी सी कोहरा छाया एक पक्ष वक्त का दुखों का साया शीत अपार स्वर्णिम रवि रश्मि सुख स्वरूप ओस के मोती जीवन के … Read more
वीणा के हाइकु 1-कृष्णमुरारीबालभद्र,सुभद्रारथ सवारी।2-हरितालिकापति की लम्बी आयुपत्नी निर्जला।3-स्वयं विश्वासमिलेगी सफलतामंजिल पास।4-लाल गुब्बाराबालक खेल रहाबम धमाका।5-मणिकर्णिकाअंतरिक्ष पे बैठीहिन्द की नारी। *सविता बरई “वीणा”सीतापुर, सरगुजा,(छ.ग.)